छत्तीसगढ़ - लोगो को भारी पड़ सकता है स्मार्ट मीटर , मुफ्त के नाम पर पिछले दरवाजे से वसूली की तैयारी


रायपुर 25 अप्रैल 2025 - सुविधा के नाम पर घरों-दफ्तरों मे लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब ग्राहक पर भारी पड़ने वाले हैं. दरअसल, पावर वितरण कंपनी (CSPDCL) ने हाल ही में स्मार्ट मीटर सरचार्ज के नाम पर 367 करोड़ रुपए की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगाई है. इस याचिका पर आयोग नए टैरिफ के निर्धारण के दौरान निर्णय लेगा।
प्रदेश में घरेलू कनेक्शनों में पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बदले स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. अब तक साढ़े 11 लाख से अधिक घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. वर्तमान में स्मार्ट मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जा रहा है. बताया गया कि यह निःशुल्क लगेगा, परंतु पिछले दरवाजे से उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर लगाने का सरचार्ज वसूलने की तैयारी हो रही है. हाल ही में वितरण कंपनी प्रबंधन की ओर से विद्युत नियामक आयोग में रिवाइज पिटिशन दाखिल किया गया है।
इसमें स्मार्ट मीटर के नाम पर 367 करोड़ रुपए की मांग करते हुए नए टैरिफ में जोड़ने की बात कही गई है. प्रबंधन ने पूर्व में 4559 करोड़ रुपए का घाटा बताते हुए उसकी भरपाई टैरिफ से करने का आग्रह आयोग से किया था. अब 367 करोड़ रुपए जोड़ने के बाद 4926 करोड़ रुपए का अंतर आ गया है. इसकी भरवाई के लिए बिजली दर बढ़ाने पर सीधा भार उपभोक्ताओं पर आएगा।
जानकार बताते हैं कि वितरण कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग सीधे स्मार्ट मीटर के नाम से उपभोक्ताओं से भले ही सीधा पैसा नहीं ले, लेकिन सरचार्ज के नाम से यह वसूली हो सकती है. याने सांप भी मर जाएगा, और लाठी भी नहीं टूटेगी।
आयोग में रिक्त दो सदस्यों के पदों पर नियुक्ति के बाद नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई और फिर टैरिफ की घोषणा जून तक होने की संभावना है।
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमन्त वर्मा ने कहा कि वितरण कंपनी द्वारा पिछले दिनों रिवाइज पिटिशन दाखिल की गई है. इसमें स्मार्ट मीटर के सरचार्ज के लिए 367 करोड़ रुपए की मांग की गई है. याचिका का परीक्षण करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. अभी याचिकाओं पर जनसुनवाई भी होनी है।