सक्ती - हत्या के सात आरोपियों को AGP ऋषिकेश चौबे ने दिलाई 07-07 की सजा
सक्ती , 13-07-2023 5:53:54 PM
सक्ती 13 जुलाई 2023 - अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के AGP ऋषिकेश चौबे ने बताया कि 11 जून 2021 को कुष्याणी टंडन ने सक्ती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पिता समारूराम घर के पास बैठे थे तभी राजेश भारद्वाज , सम्मेलाल , सुंदर , परदेसी , दूजराम , श्याम सुंदर और मुन्ना भारद्वाज ने एक साथ मिलकर उसके पिता समारू राम को जमानत में हुए खर्चे का पैसा 05 हजार रुपए की मांग करते हुए गला को पकड़कर धक्का दे दिए जिसके कारण गिरने से उसके पिता समारू को चोटे आई थी तब उसे इलाज हेतु सक्ती अस्पताल ले गए थे जहां उसकी मौत हो गई।
प्रार्थीया कि रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर अपराध क्रमांक 151/21 धारा 147 , 149 , 302 , 294 , 506 भारतीय दंड संहिता के तहत FlR लिख कर जब्ती कार्यवाही की गई। जांच के बाद अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया शासन की ओर से कुल 10 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया।
आरोपीगण के अधिवक्ता ने बताया की गवाहों के बयान में विरोधाभास है आरोपीगण ने अपराध नहीं किया है, बल्कि मृतक की पुत्री कुष्याणी टंडन द्वारा अपने पिता को धक्का दिए जाने के कारण वह गिर गया जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई है इस दलील के साथ सभी अभियुक्तों को दोष
मुक्त करने का निवेदन किया गया।
शासन की ओर से बताया गया कि प्रार्थी एवं उसकी बहन निर्मला घटना के प्रत्यक्षदर्शी साक्षी हैं कोई विरोधाभास नहीं है। अपराध संदेह से परे प्रमाणित हुआ है। अतः उन्हें दोष सिद्ध किया जावे।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर ममता भोजवानी ने अपने निर्णय दिनांक 12 जुलाई 2023 को यह पाया कि आरोपीगण का आशय मृतक की हत्या करना नहीं था यह भी आशय नहीं था कि वह मृतक को ऐसी चोट पहुंचाते जिससे उसकी मृत्यु होना संभव हो ऐसी स्थिति में आरोपीगण का यह कृत्य धारा 302 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत नहीं बल्कि धारा 304 भाग-2 के अंतर्गत दंड योग्य है इसलिए आरोपीगण को धारा 147/ 149 भारतीय दंड संहिता में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 - 5000 रु.के अर्थदंड से तथा धारा 304 भाग 2 /149 भारतीय दंड संहिता में 7 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000 - 10000 रु .के अर्थदंड से दंडित किए जाने का निर्णय पारित किया गया।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता /अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।



















