छत्तीसगढ़ सरकार ने खत्म की अंग्रेजो के जमाने से चली आ रही यह परंपरा, गृह विभाग ने जारी किया आदेश..
रायपुर 25 दिसम्बर 2025 - छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एक अहम बदलाव करते हुए अंग्रेजो से समय से चली आ रही गार्ड ऑफ ऑनर की औपनिवेशिक परंपरा को समाप्त कर दिया है। अब राज्य के मंत्रियों, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य पदाधिकारियों को सामान्य दौरे, जिला भ्रमण, निरीक्षण, आगमन और प्रस्थान के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाएगा। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में नियमों में संशोधन का आदेश जारी कर दिया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सभी परिस्थितियों पर लागू नहीं होगा। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, 21 अगस्त को शहीद पुलिस स्मृति दिवस, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस, अन्य राष्ट्रीय एवं राजकीय समारोहों तथा पुलिस दीक्षा परेड जैसे विशेष अवसरों पर सलामी गार्ड की व्यवस्था पूर्व की तरह जारी रहेगी।
उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि गार्ड ऑफ ऑनर की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा की जाए और यह आकलन किया जाए कि क्या यह व्यवस्था आज के समय में प्रासंगिक है या नहीं। समीक्षा के बाद गृह विभाग ने निष्कर्ष निकाला कि औपनिवेशिक काल से चली आ रही यह परंपरा वर्तमान प्रशासनिक आवश्यकताओं और पुलिस बल की कार्यक्षमता के अनुरूप नहीं है।
गृह विभाग की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य दौरों और निरीक्षणों के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ती है, जिससे उनकी ऊर्जा और समय औपचारिकताओं में व्यर्थ होता है। इससे कानून-व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और जनसेवा जैसे मूल दायित्वों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सामान्य प्रशासनिक गतिविधियों में सलामी गार्ड की आवश्यकता नहीं है।


















