सक्ती - जुगनू से टिमटिमा रहा है सक्ती थाना, कल तक गवाही देने वाला जुगनू आज बना सक्ती का थानेदार
सक्ती 22 दिसम्बर 2025 - जुगनू एक उड़ने वाला कीड़ा है जो रात में टिमटिमा कर रौशनी देते हुए अपनी उपस्थिति का अहसास दिलाता है। लेकिन सक्ती में एक ऐसा "जुगनू" है जो रात में ही नही दिन में भी टिमटिमा कर पुलिस वालों को रौशनी देता है और सक्ती का ये "जुगनू" कोई कीड़ा नही बल्कि 05 फिट 07 इंच का जीता जागता इंसान है।
खास बात यह है कि सक्ती का यह "जुगनू" आज से पहले जुर्म होने वाले जगह पर पुलिस से पहले पँहुच कर आरोपियों की गिरफ्तारी या फिर आरोपियों से बरामद अवैध सामानों का गवाही देता था लेकिन अब यह सक्ती पुलिस का पेट्रोलिंग बलेरो को सायरन बजाते हुए शहर में घूम रहा है। सक्ती के इस "जुगनू" को किसका संरक्षण प्राप्त है इसकी जानकारी तो फिलहाल हमारे पास नही है लेकिन पुलिस गश्ती वाहन किसके कंट्रोल में रहता इसकी जानकारी सभी को है।
सोमवार देर शाम लगभग 06.15 बजे सक्ती पुलिस की पेट्रोलिंग बलेरो में "जुगनू" सायरन बजाते हुए अग्रसेन चौक से हटरी रोड में निकला इस बीच उसे राणी सती ड्राइक्लिनर्स के पास एक फोर व्हीलर खड़ा दिखा बस फिर क्या था "जुगनू" हाथ मे फ्लोरोसेंट लाईट लेकर सक्ती पुलिस के गश्ती वाहन बलेरो से नीचे उतरा और बिना आव ताव देखे उस फोर व्हीलर वाहन के साईड ग्लास को ठोकने लगा।
लेकिन जुगनू को क्या पता था कि जिस फोर व्हीलर को वो ठोक रहा है वो मालखरौदा के राजा जितेन्द्र बहादुर सिंह है। कार को ठोकते देख जितेन्द्र बहादुर दुकान से बाहर निकले और जुगनू को उसकी औकात दिखा दी और "जुगनू" पुलिस गश्ती वाहन बलेरो को लेकर चुपचाप निकल गया।
अब बात मुद्दे की आखिर ये "जुगनू" कौन है??, "जुगनू" को पुलिस पेट्रोलिंग वाहन चलाने के लिए किसने परमिशन दिया??, "जुगनू" किस हैसियत से पुलिस वाहन में लाल नीली बत्ती जला कर सायरन बजा रहा था??, "जुगनू" किसके आदेश पर रोड किनारे खड़े वाहन चालकों को घुड़की दे रहा था?? ऐसे कई सवाल है जिसका जवाब पुलिस को देना होगा।
जुगनू पुराण जारी रहेगा..


















