सक्ती विधायक व नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने CM साय को लिखा पत्र, की यह मांग
रायपुर 15 नवम्बर 2025 - खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने जा रही है, लेकिन उससे पहले ही प्रदेश सरकार के सामने बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो गया है। इन सभी मुद्दों पर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लिखा है कि धान उपार्जन केन्द्रों में काम करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल ने पूरे सिस्टम की गति धीमी कर दी है। इसी मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए हड़ताली कर्मचारियों की मांगों को उचित ठहराया है।
डॉ. महंत ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में कहा कि इस वर्ष धान खरीदी के लिए 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के अंतर्गत 2739 खरीदी केन्द्र संचालित होंगे। धान खरीदी के पूर्ण कम्प्यूटरी करण के चलते हर केंद्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर तैनात किए जाते हैं। विगत वर्षों में इन ऑपरेटरों को पूरे 12 महीने का वेतन दिया जाता था, लेकिन इस वर्ष सरकार ने निर्णय लिया है कि केवल 6 महीने का वेतन विपणन संघ की निधि से दिया जाएगा, साथ ही उनकी भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएगी।
डॉ. महंत ने दावा किया कि राज्य सरकार की गलत नीति के कारण हर वर्ष 150 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक लाभ छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पाता। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर हड़ताली कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करे, ताकि धान खरीदी प्रक्रिया सुचारु रूप से शुरू हो सके। उन्होंने सरकार से अपील की कि डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सेवाएं प्रदेश के कृषि तंत्र की रीढ़ हैं, इसलिए उनकी समस्याओं का समाधान तत्काल जरूरी है।
आसाथ ही प्रशासकीय व्यय मद की राशि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ठोस निर्णय लिए जाएं। सरकार अब इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि धान खरीदी की शुरुआत में कोई भी व्यवधान प्रदेशभर में बड़े संकट का कारण बन सकता है।


















