सक्ती - खामोश अभी साहब सो रहे है कि पहली कड़ी के सफलता के बाद दूसरी कड़ी , आज खुला इस बड़े विभाग का खाता
सक्ती 02 अगस्त 2025 - जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाने के लिए हमने "खामोश अभी साहब सो रहे है" के नाम से एक सीरीज की शुरुआत 01 अगस्त शुक्रवार से की है। "खामोश अभी साहब सो रहे है" की पहली कड़ी में हमने आबकारी विभाग के अधिकारियों को कुम्भकर्णी नींद से जगाने के उद्देश्य से एक खबर प्रकाशित की थी। खबर के वायरल होते ही आबकारी विभाग के अधिकारी हरकत में आये और बुधवारी बाजार के पास संचालित देशी शराब दुकान के पास चल रहे अवैध चखना दुकानों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर सभी दुकानों को जमीदोज कर दिया इसके लिए हम आबकारी विभाग के अधिकारियों का शुक्रगुजार है।
आज की इस कड़ी में हम बात करेंगे सक्ती के सरकारी हॉस्पिटल की जँहा ईलाज के बजाय सिर्फ रिफर का खेल चल रहा है। सक्ती हॉस्पिटल में सरकारी से ज्यादा प्रायवेट हॉस्पिटल के एम्बुलेंस खड़े रहते है और कुछ दलाल किस्म के लोग कमिसन की लालच में मरीजो को बरगला कर निजी हॉस्पिटल भेज देते है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह नजर नही आ रहा है। क्योंकि "अभी साहब सो रहे है"
जिला मुख्यालय में कई बड़े हॉस्पिटल खुल गए है जँहा दिहाड़ी पर डॉक्टर और टेक्निकल स्टाफ रख कर मरीजों के जान से खिलवाड़ करने के साथ उनकी जेबो पर डाका डाला जा रहा है। लेकिन ये सब भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नजर नही आता है। क्योंकि "अभी साहब सो रहे है"
सक्ती के सभी बड़े हॉस्पिटलों के फायर सिस्टम डेड पड़े है , मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के बजाय पालिका के ट्रैक्टर में भर कर फेंका जा रहा है, गयनोलागिस्ट नही होने के बाद भी डिलीवरी कराई जा रही है, सर्जन नही होने के बाद भी सर्जरी हो रही है , रेडियोलॉजिस्ट की जगह सफाईकर्मी एक्सरे कर रहे है, नौसिखिया स्टाफ ECG कर रहा है लेकिन ये सब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नजर नही आ रहा है। क्योंकि "अभी साहब सो रहे है"
निजी हॉस्पिटल संचालक अपने हॉस्पिटल दवाई की दुकान खोल कर जेनरीक दवाओं को प्रिन्टरेट पर बेच रहा है। डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई सिर्फ उन्हीं के हॉस्पिटल के दवाई दुकान में मिल रहा है लेकिन ये सब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नजर नही आ रहा है। क्योंकि "अभी साहब सो रहे है"
जानकारी के मुताबिक अभी हाल ही में सक्ती के एक निजी और बड़े हॉस्पिटल की CMHO से शिकायत की गई है। शिकायत में यह आरोप लगाया गया है की जिस डॉक्टर के नाम पर इस हॉस्पिटल का लाइसेंस जारी हुआ है वो 35 किलोमीटर दूर एक अलग हॉस्पिटल चलाते है और सक्ती के इस बड़े हॉस्पिटल को एक झोलाछाप डॉक्टर चला रहा हैं। इस शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नही हुई है।
ऐसे में लोग यह कहने को मजबूर है कि.."खामोश अभी साहब सो रहे है"



















