सक्ती - चौथी बार कैलाश मानसरोवर कठिन यात्रा पर जा रहे है कैलाश अग्रवाल , मित्र मंडली ने दी शुभकामनाएं
सक्ती 28 जून 2025 - सक्ती के शिव भक्त कैलाश अग्रवाल एक बार फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए निकलने जा रहे हैं। कैलाश अग्रवाल की यह चौथी यात्रा होगी, जो 29 जून 2025 से प्रारंभ हो रही है। इससे पहले कैलाश अग्रवाल वर्ष 2016, 2017 और 2019 में भी यह कठिन और पवित्र यात्रा पूरी कर चुके हैं।
कैलाश अग्रवाल की यह यात्रा सक्ती से प्रारंभ होकर लखनऊ, नेपालगंज, सिमीकोट और हिलसा होते हुए चीन के पुरांग शहर पहुँचेगी। वहाँ से कैलाश अग्रवाल मानसरोवर झील पहुँचेंगे जहाँ पवित्र स्नान और हवन करेंगे। इसके पश्चात यात्रा का प्रमुख पड़ाव दारचीन होगा, जहाँ से कैलाश पर्वत के दर्शन, पूजन और परिक्रमा की जाएगी।
कैलाश अग्रवाल ने बताया कि जब तक भोले बाबा का आशीर्वाद रहेगा, उनकी यह यात्रा लगातार जारी रहेगी। यह न केवल एक धार्मिक तीर्थयात्रा है बल्कि आत्मशुद्धि, साहस और आस्था का प्रतीक भी है। इस यात्रा के लिए कैलाश के मित्र मंडली ने शुभकामनाएं देते हुए सुखद और सुरक्षित यात्रा की कामना की है।
बता दे कि कैलाश मानसरोवर यात्रा साल 2025 में 30 जून से शुरू होने वाली है. कैलाश न केवल हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र धार्मिक स्थान है, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोग भी इस स्थान को पवित्र मानते हैं. कोविड और भारत-चीन संबंधों के चलते 2019 में यह यात्रा बंद कर दी गई थी. लेकिन इसे फिर से शुरू करने की सहमति अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात में बनी।
स्वर्ग का द्वार कहे जाने वाले कैलाश पर्वत में कई ऐसे रहस्य भी हैं जिनसे वैज्ञानिक भी अब तक पर्दा नहीं उठा पाए हैं। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भारत सरकार रजिस्ट्रेशन करती है और फिर प्री बुकिंग के आधार पर ही श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं. इस यात्रा के दौरान पहाड़ पर काफी चढ़ाई करनी होती है।
इसीलिए श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की कमी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऊंचाई की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. ल्हासा की ऊंचाई समुद्र तल से 12000 फीट है जबकि कैलाश मानसरोवर की ऊंचाई समुद्र तल से ल्हासा के मुकाबले दोगुना करीब 21 हजार 778 फीट है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कितने मुश्किल हालातों से गुजरना होता होगा।



















