राजा धर्मेन्द्र सिंह होंगे अयोग्य? , चली जाएगी जिला पंचायत सदस्य की कुर्शी? , जाने क्या है नियम..
सक्ती 22 मई 2025 - दुष्कर्म के मामले में सक्ती के फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने स्व.राजा सुरेन्द्र बहादुर के दत्तक पुत्र व जिला पंचायत सदस्य राजा धर्मेन्द्र सिंह को 07 साल सश्रम करवास की सजा सुनाई है।
जिला पंचायत सदस्य राजा धर्मेंद्र सिंह को विशेष न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रेक सक्ती में चल रहे धारा 376 , 450 भारतीय दंड संहिता के मामले में सुनवाई करते हुए दोष सिद्ध पाए जाने पर धारा 376 में 07 साल सश्रम कारावास की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना , धारा 450 में 05 साल की सश्रम कारावास की सजा एवँ पांच हजार जुर्माना से दंडित किया गया है। यह दोनो सजाए साथ-साथ चलेगी।
अब ऐसे में लोगो के जेहन में यह सवाल उठ रहे है कि क्या 07 साल की सजा के बाद राजा धर्मेंद्र सिंह की जिला पंचायत की सदस्यता समाप्त हो जाएगी?? , और क्या वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएंगे ?? इन्ही सवालों का जवाब तलाशने के लिए हमने इंटरनेट पर सर्च किया।
इंटरनेट से जो जानकारी मिली उसके मुताबिक पंचायती राज अधिनियम में जन प्रतिनिधि अयोग्य हो जाते हैं यदि उन्हें किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उन्हें 6 साल की जेल की सजा सुनाई जाती है। जन प्रतिनिधि को सजा के बाद जेल से रिहा होने के 6 साल तक अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
यदि किसी जन प्रतिनिधि को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे 6 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई जाती है, तो उसे जन प्रतिनिधि के रूप में पद से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। दोषी ठहराए गए जन प्रतिनिधि को जेल से रिहा होने के बाद भी 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जाता है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में भी इसी तरह के प्रावधान हैं। इस अधिनियम के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे 5 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई जाती है, तो उसे जेल से रिहा होने के बाद भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
जन प्रतिनिधि को अपराध के लिए सजा मिलने के बाद 6 साल की सजा के बाद अयोग्य घोषित किया जाता है, जो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में भी बताया गया है।



















