सक्ती - क्यो हुई राजा धर्मेन्द्र सिंह को 12 साल की सजा , क्या और कब का था मामला , जाने पूरी कहानी


सक्ती 22 मई 2025 - सक्ती रियासत के राजा और भाजपा नेता राजा धर्मेंद्र सिंह को अप्राकृत यौन उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने अलग अलग धाराओं में 12 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है. राजा धर्मेंद्र सिंह जिला पंचायत के सदस्य भी हैं. राजा धर्मेंद्र सिंह पर आरोप था कि उन्होंने राजपरिवार के ही एक महिला के साथ जबरन घर में घुसकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था।
राजा धर्मेंद्र सिंह ने दुष्कर्म की इस जघन्य वारदात को 2022 में अंजाम दिया था। पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई. इस मामले में 3 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में बुधवार को राजा धर्मेंद्र सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत 7 साल की सजा और धारा 450 के तहत जबरन घर में घुसपैठ करने के लिए 5 वर्ष की सजा सुनाई है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इसके साथ ही आरोपी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि धर्मेंद्र सिंह दिवंगत राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के द्वारा गोद लिए गए थे. बताया जाता है कि धर्मेंद्र सिंह राजपरिवार के पूर्व बावर्ची के पुत्र हैं, जिन्हें राजा सुरेंद्र बहादुर का उत्तराधिकारी घोषित किया था. धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक 19 अक्टूबर 2021 को सक्ती रियासत के 5वें राजा के रूप में हुआ था.
धर्मेंद्र सिंह को राजा बनाए जाने से राजपरिवार में भारी नाराजगी और मतभेद उभर आए. सुरेंद्र बहादुर की पत्नी रानी गीता देवी सिंह ने धर्मेंद्र को अपना पुत्र मानने से इनकार कर दिया था। और इस बात पर वे आज भी अडिग है यही वजह है कि उन्होंने अपने पति यानी राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन के बाद राज महल के बजाय अग्रसेन भवन में दशगात्र और शोक सभा का आयोजन किया था जबकि दत्तक पुत्र धर्मेन्द्र सिंह ने राज महल में दशगात्र और शोक सभा का आयोजन किया था।