सक्ती - गांजा विक्रेता भीम भागा रेंगली , अब अविनाश कर रहा है सक्ती का नाश
ब्रम्हानंद ने बताया कि यह अविनाश हर वक्त गांजे की पुड़िया जेब मे रख कर घूमते रहता है और जँहा भी ग्राहक मिले उसे बेच देता है और यह अविनाश नशे के अड्डे जैसे गायत्री मंदिर के पास , शनि मंदिर के पीछे , गौरवपथ का पुराना धर्मशाला , नया बस स्टैंड , बाजार पानी टंकी के पास जा कर नशे के दीवानों को गांजे की सप्लाई करता है।
ब्रम्हानंद का कहना है कि यह अविनाश या तो अपने पिता"भीम" के द्वारा स्टॉक किये गए गांजे को धीरे धीरे खपा रहा है या फिर "भीम" उड़ीसा से अपने बेटे अविनाश को गांजा की सप्लाई कर रहा है और अविनाश उस गांजे को सक्ती शहर के साथ ग्रामीण इलाके में बेच रहा है। बहरहाल इन दोनों में से कुछ भी हो सक्ती शहर के युवाओं के लिए खतरनाक है।
इन सबमे आश्चर्य की बात यह है कि इतना कुछ करने के बाद भी ना तो "भीम" पुलिस की गिरफ्त में आया और ना अविनाश हत्थे चढ़ा यही वजह है कि इन दोनों के हौसले बुलंद थे वो तो ब्रम्हानंद की वक्रदृष्टि इन बाप-बेटे पर पड़ गई जिससे गांजे के काले कारोबार का खुलासा हो गया। अब ब्रम्हानंद "भीम" के बेटे अविनाश की जन्मकुंडली निकालने में जुट गया है।


















