सक्ती - मजाक बन कर रह गया है ट्रैफिक विभाग का यातायात मित्र ग्रुप , लोगो को नही मिलता मैसेज का रिप्लाई
सक्ती 20 अप्रैल 2025 - लोगो को सुविधा देने , सड़क हादसों की तत्काल सूचना देने और यातायात पुलिस को आम लोगो से जोड़ने के लिए बनाया गया वाट्सएप का "यातायात मित्र" ग्रुप मजाक बनकर रह गया है चाहे कितना भी लिखते रहो या मदद मांगते रहो कोई जवाब नही मिलता है। इस "यातायात मित्र" ग्रुप में सच लिखने वालों को रिमूव कर दिया जाता है।
इस "यातायात मित्र" ग्रुप में 10 अधिक एडमिन है और यह ग्रुप यातायात प्रभारी निरीक्षक श्री कमल किशोर महतो जी के देखरेख में संचालित होता है लेकिन दुःखद पहलू यह है कि स्वयं महतो साहब भी कई-कई घंटों तक इस "यातायात मित्र" ग्रुप को ओपन नही करते है। अब महतो साहब के पास इतना फुर्सत कंहा है आखिर वे सिंगल सैलरी में डबल काम जो रहे है।
इस "यातायात मित्र" ग्रुप की संवेदनहीनता शुक्रवार देर शाम देखने को मिली जब सक्ती थाना क्षेत्र के कनेटी में एक सड़क हादसा हुआ। इस सड़क हादसे को लेकर लोग घंटो तक मैजेस कर एम्बुलेंस और राहत की मांग करते रहे लेकिन क्या मजाल की किसी एक भी जिम्मेदार ने जवाब दिया हो। आखिर बिना मदद के हादसे में घायल युवक की सड़क पर तड़फ-तड़फ कर मौत हो गई। यातायात विभाग के इस "यातायात मित्र" में हुए शुक्रवार की शाम लोगो द्वारा किये गए मैसेज की जांच की जाय तो सच्चाई सामने आ जायेगी।
जानकर बताते है कि यातायात विभाग के सिपाही "यातायात मित्र" वाट्सएप ग्रुप के मैसेज को देखते रहे लेकिन वाहन के अभाव में वे बेचारे भी कुछ नही कर पाए क्योंकि यातायात विभाग के लिए अधिग्रहित स्कॉर्पियो पर साहब जी सवारी कर रहे थे। अब सवाल ये है जब डभरा थाने में TI साहब के लिए सरकारी वाहन मौजूद है तो वे उसका उपयोग क्यो नही करते है?? , अगर यातायात विभाग के लिए अधिग्रहित स्कॉर्पियो सक्ती में मौजूद रहती तो शायद एक जान बच सक सकती थी। ऐसे में अब लोग कहने लगे है कि यातायात विभाग को TI से बेहतर तो ASI चला रहा था।


















