छत्तीसगढ़ - संतान की जानकारी छिपा कर नौकरी पाना ब्याख्याता को पड़ा भारी , हुआ बर्खास्त

रायपुर 06 अप्रैल 2025 - बच्चों की झूठी जानकारी देकर नौकरी पाने वाले व्याख्याता को बर्खास्त कर दिया गया है। मस्तूरी ब्लाक स्थित शासकीय हाई स्कूल सोन में पदस्थ व्याख्याता नवरतन जायसवाल ने दो से अधिक जीवित संतान होने की जानकारी छिपाकर नौकरी हासिल की थी। इस मामले तीन साल से कार्रवाई चल रही थी, तीन साल लंबी जांच के बाद दोष सिद्ध होने पर व्याख्याता को बर्खास्त कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक नवरतन जायसवाल की नियुक्ति वर्ष 2011 में शिक्षाकर्मी वर्ग-01 के पद पर हुई थी। उस समय उन्होंने नियुक्ति प्रपत्र में अपनी संतान की संख्या दो बताई थी। परंतु बाद में जांच में सामने आया कि उनके कुल चार जीवित संतान हैं, जिनमें से दो का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। यह खुलासा होने के बाद मामला गंभीर हो गया और छत्तीसगढ़ लोक आयोग में वर्ष 2021 में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय ने मामले की जांच क्रमशः जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर और फिर संभागीय संयुक्त संचालक से करवाई।
इस दौरान नवरतन जायसवाल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया और उन्हें प्रतिरक्षा का अवसर प्रदान किया गया। जवाब में उन्होंने यह तर्क दिया कि उन्होंने सामाजिक रूप से दो संतान गोदनामे के माध्यम से अन्यत्र सौंप दिए हैं, परंतु यह दलील संचालनालय ने अस्वीकार कर दी। विभाग का स्पष्ट मानना था कि संतान का जन्म और जीवित होना ही नियम के उल्लंघन की पुष्टि के लिए पर्याप्त है, गोदनामा इसका समाधान नहीं हो सकता।
तीन वर्षों तक चली इस जांच प्रक्रिया में कई स्तरों पर पत्राचार और सुनवाई हुई। अंततः सभी जांच रिपोर्ट में नवरतन जायसवाल पर लगे आरोप सिद्ध पाए गए, जिसके आधार पर 3 अप्रैल 2025 को उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया।
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