सक्ती में डॉ महंत का जादू हुआ खत्म ?? , एक-एक कर नेता प्रतिपक्ष के सभी शेर हुए ढेर


सक्ती 15 फरवरी 2025 - लगता है सक्ती में स्थानीय विधायक व नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करने वाले डॉ महंत 2024 के विधानसभा चुनाव में बहुत कम वोट से जीत दर्ज की अब रही सही कसर निकाय चुनाव में निकल गई है।
इस निकाय चुनाव में डॉ महंत के दो शेर और एक शेरनी ढेर हो गए है। कांग्रेस ने चाम्पा नगर पालिका में डॉ महंत के काफी करीबी राजेश अग्रवाल को अध्यक्ष प्रत्याशी बनाया था जिसे भाजपा के प्रदीप नामदेव ने रिकॉर्ड मतों से मात दे दी इसी तरह नगर पंचायत बाराद्वार में कांग्रेस ने डॉ महंत के खास माने जाने वाले विजय सूर्यवंशी की धर्मपत्नी रेशमा सूर्यवंशी को अध्यक्ष प्रत्याशी बनाया था जिसे भाजपा के नारायण कुर्रे ने शिकस्त दे कर पालिकाध्यक्ष की कुर्शी पर काबिज हो गए।
अब बात सक्ती की तो यँहा से जिस प्रत्याशी को कांग्रेस ने कमजोर बता कर टिकट काट दी थी उसने ना सिर्फ डॉ महंत के प्रत्याशी रीना गेवाडीन को बल्कि सत्ता पक्ष के प्रत्याशी चिराग अग्रवाल को धूल चटाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बम्फर वोट से जीत दर्ज की। यही नही सक्ती मेंडॉ महंत के तीन खास समर्थको को भी पार्षद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले श्याम सुंदर अग्रवाल की गिनती इस निकाय चुनाव से पहले डॉ महंत के खास करीबियों में होती थी। कुछ लोगो को यह गलतफहमी थी कि श्याम सुंदर अग्रवाल डॉ महंत की उंगली पकड़ कर चलने वाले नेता है और डॉ महंत के बिना श्याम सुंदर अग्रवाल का वजूद शून्य है। श्याम सुंदर अग्रवाल की यह जीत उन लोगो के मुंह पर करारा तमाचा है जो ऐसा सोचते थे।
बिना डॉ महंत के सहारे के श्याम सुंदर अग्रवाल ने ना सिर्फ निर्दलीय चुनाव लड़ा बल्कि अपने दम में जीत कर भी दिखा दिया। जो ये साबित करता है कि श्याम सुंदर अग्रवाल को किसी बैसाखी की जरूरत नही है।