CGPSC घोटाला 2003 - 12 साल से दबी है घोटालों की फाईल , अब तक पेश नही किया जा सका चालान
रायपुर , 25-09-2023 1:50:02 AM
रायपुर 24 सितंबर 2023 - CGPSC 2021 में बेटे-बेटियों और नाते-रिश्तेदारों को रेवड़ी की तरह नौकरियां देने वाला पीएससी 2003 की परीक्षा में भी बड़ा कांड कर चुका है। इस मामले में बिलासुपर हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता ने 2016 में चयन सूची निरस्त कर फिर से स्केलिंग कर रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। मगर इसके खिलाफ सलेक्टेड अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और वहां से उन्हें स्टे मिल गया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. सेठ ने इस मामले में PSC के चेयरमैन अशोक दरबारी को सस्पेंड कर दिया था। राज्य सरकार ने PSC स्कैम को EOW से जांच कराने का आदेश दिया था। उस समय IG आनंद तिवारी EOW और ACB के चीफ थे। 15 जनवरी 2006 को PSC का मामला दर्ज हुआ था। इंस्पेक्टर सुरेश सेन को जांच अधिकारी बनाया गया।
इंस्पेक्टर सुरेश सेन ने करीब पांच साल के गहन प्रयासों के बाद 31 दिसंबर 2011 को 59 पेज की जांच रिपोर्ट पेश की थी। इसमें उन्होंने लिखा था चेयरमैन अशोक दरबारी , परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर बी.पी. कश्यप और अनुविभाग अधिकारी लोमेश मढ़रिया के खिलाफ धारा 420 , 467, 468 , 471 , 120बी , भादवि एवं 13 1 डी 13 2 PC एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं।
इंस्पेक्टर सुरेश सेन से मई 2018 में रिटायर हो गए। इस समय वे भिलाई में रह रहे हैं। NPG ने उनसे बात की तब उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट तक इसका चालान पेश नहीं हुआ था। जांच रिपोर्ट रखी रही। अभी क्या स्थिति है, वे नहीं बता सकते। उन्होंने ये जरूर बताया कि जांच में चयनित सभी 240 लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।
EOW के डायरेक्टर जनरल डी.एम. अवस्थी से जब इस जांच रिपोर्ट के बारे में कल पूछा गया तो उन्होंने कहा दो दिन छुट्टी है, दफ्तर खुलने पर जानकारी लेकर बताएंगे।


















