चाम्पा में समस्याओं को लेकर तीन दशक पहले चली थी गोली , शहर तो बदला लेकिन समस्या आज भी बरकरार
जांजगीर चाम्पा , 23-09-2023 4:40:15 PM
जांजगीर चाम्पा 23 सितंबर 2023 - तीन दशक पहले चाम्पा शहर के लोगों ने पानी व बिजली की समस्या को लेकर आंदोलन किया था। अधिकारियों व नागरिकों के बीच सुलह न हो पाने के कारण दूसरे दिन भी आंदोलन चला। थाना में सुलह के लिए बैठक आयोजित की गई, लेकिन यहां भी बात नहीं बन पाई। लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे पर कालिख पोत दी थी। इसके बाद थाना परिसर में अश्रु गैस छोड़े गए इसके अलावा गोली भी चला दी गई। जिससे नगर छात्र राजकिरण दुग्गड़ की मौत हो गई थी, वहीं कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दुग्गड़ ने जिन मुद्दों को लेकर शहादत दी वे मुद्दे उनकी शहादत के तीन दशक बाद भी उसी तरह मौजूद हैं।
23 सितंबर 1983 को पानी और बिजली की मांग को लेकर शहर के लोगों ने आंदोलन किया था। आंदोलन काे कुचलने के लिए पुलिस ने 46 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारियां प्रारंभ कर दी। पुलिसिया कार्रवाई के विरोध व निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी को सुनकर नगर में सनसनी फैल गई। नगर के लोग पुलिस प्रताड़ना व गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 24 सितंबर को चांपा बंदकर विरोध जताया गया।
नगर के लोग पुलिस प्रशासन के विरुद्ध दबाव बनाकर निशर्त रिहाई की मांग पर अड़ गए। पुलिस प्रशासन व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझौते के लिए थाना परिसर में लोगों को बुलाया। नगर के युवक व छात्र थाने पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस व नागरिकों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा था। थाना परिसर में विवाद बढ़ने पर पुलिस बौखला गई और अश्रु गैस छोड़ते हुए लाठी चार्ज शुरू कर दिया। आम लोगों द्वारा जवाबी कार्रवाई करने पर पुलिस ने गोली चला दी।
इस गोलीकांड में छात्र राजकिरण दुग्गड़ की घटना स्थल पर हो मौत हो गई। वहीं मनोहर गुलाबानी , अनिल मनमानी व पूर्व नपा उपाध्यक्ष गौरीशंकर स्वर्णकार गंभीर रूप से घायल हुए। राजकिरण दुग्गड़ ने जिन समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर जान गंवाई उन समस्याओं का अब तक निराकरण नहीं हो पाने का नगरवासियों को मलाल है। समस्याएं अब भी जस की तस हैं।
नगर के सभी 26 वार्डों में आए दिन पानी व बिजली की समस्या रहती है। पंप हाउस में खराबी तो कभी अन्य किसी कारण से शहर में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती। अगर पानी आता भी है तो कई मोहल्लों में पाइप लाइन फूटने और नाली के बीच से गुजरे होने के कारण गंदा पानी आता है। बिजली की समस्या भी बरकरार है। दिन में 8 से 10 बार बिजली गुल होना आम बात है।
नगर के इस लाल की शहादत को नगरवासी भी समय के साथ भूलते जा रहे हैं। राजकिरण दुग्गड़ के नाम पर नगर में शहीद राजकिरण दुग्गड़ स्मृति संस्थान व खेल विकास संस्थान बनाया गया है। पहले उनकी याद में काला दिवस मनाया जाता था वह समय के साथ बदल गया है। अब केवल श्रद्धांजलि की औपचारिकता निभाई जाती है।
नगर में एक उद्यान को उनके नाम पर रखकर एक प्रतिमा स्थापित कर दी गई है, लेकिन इसकी दुर्दशा किसी को नहीं दिखती। पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है।


















