रोका छेका की ज्यादा जरूरत मवेशियों पर नही बल्कि चंडीपारा के सरपंच पर है , सरपंच की लापरवाही से रोजाना हो रही है ,,
जांजगीर चाम्पा , 21-08-2020 11:26:42 PM
पामगढ़ - चंडी पारा - 21 अगस्त 2020 - पामगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चंडी पारा का सरपंच कमलेश जायसवाल इतना निरंकुश हो गया है की उसे ना तो आम जनो की कोई परवाह है और ना ही राज्य शासन के निर्देशों के पालन करने की फिक्र है यही कारण है की चंडी पारा के सरपंच कमलेश जायसवाल हर नियमो को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी करने पर उतारू है।
छत्तीसगढ़ का पहला पर्व हरेली त्योहार के दिन राज्य शासन में काफी महत्वकांक्षी गो धन योजना की शुरुवात की थी , इस योजना के लागू करने के पीछे राज्य शासन का जो मुख्य उद्देश्य था वो यह था की गोबर खरीदी कर गौ पालको को गौ रक्षा के लिए प्रेरित करने के साथ गोबर से ऊपरी लाभ हो , मीडिया में दिए एक बयान में प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया था की ग्रामीण गाय को सिर्फ दूध देने वाली ही ना समझे बल्कि उसे गौ माता मान कर उसकी देखभाल करें।
लेकिन चंडीपारा के सरपंच कमलेश जायसवाल ना तो गोठनो पर ध्यान दे रहे है और ना गौ संरक्षण को लेकर गंभीर है यही कारण है की मवेशी खुलेआम हायवे पर विचरण करते रहते है और भारी वाहनों की चपेट में आ कर असमय काल के गाल में समा रहे है।
बता दे की पामगढ़ ब्लाक का चंडी पारा पंचायत बिलासपुर - शिवरीनारायण मुख्य मार्ग पर स्थित है और चंडीपारा पंचायत के अंतर्गत तीन आश्रित ग्राम शामिल है जिसमे चंडीपारा ,रोझनडीह, उरैहा शामिल है , 20 वार्डो वाले चंडीपारा में हजारो की संख्या में मवेशी है जो सरपंच कमलेश जायसवाल की उदासीनता के चलते असमय मौत के मुँह में समा रहे है ऐसे में यह कहना गलत नही होगा की रोका छेंका की जरूरत मवेशियों से ज्यादा चंडी पारा के सरपंच कमलेश जायसवाल को है।
- पामगढ़ से किशोरी कश्यप की रिपोर्ट -


















