छत्तीसगढ़ - बीमार बेटी को कंधे पर बिठा कर 06 किमी पैदल चलकर अस्पताल पँहुचा पिता , नहीं मिला इलाज
दंतेवाडा , 30-06-2023 5:30:53 PM
दंतेवाड़ा 30 जून 2023 - वैसे तो सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज व दवाई की सुविधा उपलब्ध रहती है, पर छुटियों के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में ये व्यवस्था बिगड़ जाती है। ऐसा ही एक मामला दंतेवाड़ा जिले में देखने को मिला, जहां एक पिता अपनी पांच साल की बच्ची को कंधे पर बिठा कर पालनार से समेली के पांडुपारा जा रहा था।
पिता देवा ने बताया कि उसकी बेटी सुनीता की तबीयत खराब है, बुखार की वजह से उसे पालनार अस्पताल लाया था। अस्पताल बंद था डाक्टर घर पर इलाज कर रहे थे पर मेरे पास पैसे नहीं थे। इसलिए बेटी को बिना इलाज करवाए ही घर ले जा रहा हूं, शुक्रवार को अस्पताल खुलेगा तो फिर लेकर आने की बात कहते हुए अपनी मजबूरी बताई।
दंतेवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रो की विडंबना है, गांवों में खुले अस्पतालों में छुट्टी के दिनों में किसी की भी एमजेंसी में ड्यूटी नहीं लगाई जाती है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समेली, पांडुपारा के ग्रामीणों ने बताया कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेली गए थे, वह भी बंद था जिसके बाद पालनार आए थे, यहां भी अस्पताल बंद होने और अस्पताल के डाक्टर से प्राइवेट में इलाज करवाने के पैसे नहीं होने की वजह से अब पैदल गांव लौट रहे हैं।
दंतेवाड़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के दावे जरूर किये जाते हैं, पर कुआकोंडा , कटेकल्याण में ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले अस्पताल आज भी भगवान भरोसे ही चल रहे हैं। कहीं स्टाफ की कमी है तो कहीं सुविधाओं का टोटा है। कुआकोंडा क्षेत्र में कुआकोंडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ पालनार , समेली , अरनपुर में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुले हुए हैं, पर आए दिन इन अस्पतालों की बदइंतजामी सामने आती रहती है।



















