सियासत में सब जायज है , इस नेता ने नरेंद्र मोदी को हराने के लिए लिया था भाई के हत्यारों का समर्थन
उत्तर प्रदेश , 06-06-2023 7:45:51 PM
वाराणसी 06 जून 2023 - एक चर्चित कहावत है कि ‘प्यार और जंग’ में सब कुछ जायज है। इस कहावत का जिक्र यहां इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सोमवार को वाराणसी की MP - MLA कोर्ट ने 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया तो अवधेश के छोटे भाई अजय राय अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और कोर्ट की चौखट पर सिर झुकाते हुए फैसले का सम्मान किया, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब सियासी जंग में अजय राय को मुख्तार अंसारी से चुनावी समर्थन लेना पड़ा था और भाई की हत्या को भूलकर उन्होंने चुनावी समर्थन देने के मुख्तार अंसारी के प्रति आभार भी जताया था।
नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़े थे अजय राय
सियासत में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। यह बात अजय राय और मुख्तार अंसारी पर 100 फीसदी सटीक बैठती है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा प्रत्याशी के तौर नरेंद्र मोदी ने चुनाव लड़ा था तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ अजय राय को चुनावी मैदान में उतारा था। तब अफजल अंसारी के नेतृत्व वाले कौमी एकता दल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ मतों के बंटवारे को रोकने के लिए वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को समर्थन देने की घोषणा की। आपको बता दें कि अफजल अंसारी मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं, जो फिलहाल बसपा से सांसद है।
मोदी को हराने के दुश्मनों ने मिलाए थे हाथ
साल 2014 में अफजल अंसारी में कहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अजय राय के लिए उनकी पार्टी का समर्थन मांगा था। अफजल अंसारी ने कहा था कि हमारे एक-दूसरे से अच्छे संबंध न रहे हों, लेकिन मोदी को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों का साथ आना जरूरी था और इसलिए हम अजय राय का समर्थन कर रहे हैं। हमारा पूरा परिवार और पार्टी के नेता राय के लिए प्रचार करेंगे और उनकी जीत के लिए काम करेंगे। हालांकि इस चुनाव की अजय राय की करारी हार हुई थी।
अजय राय ने अंसारी भाईयों को जताया था आभार
कौमी एकता दल की ओर से समर्थन मिलने के बाद अजय राय भी भाई अवधेश राय की निर्मम हत्या को भूल गए और चुनावी समर्थन के लिए अंसारी भाइयों को आभार जताया था। अब मुख्तार अंसारी को ही अवधेश राय हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त मान कर कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अवधेश राय की 03 अगस्त 1991 को वाराणसी में उनके लहुराबीर आवास के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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