आखिर नव गठित जिले सक्ती में हो क्या रहा है , किसके इशारे पर हो रहा है यह सब , अब भी वक्त है , बाकी आपकी मर्जी
सक्ती , 27-02-2023 1:08:42 AM
सक्ती 26 फरवरी 2023 - पुरानी कहावत है कि देर रात का सपना सिर्फ दिवास्वप्न होता है लेकिन सुबह के सपने की सच होने की काफी उम्मीद होती है , दिक्कत की बात यह है कि सक्ती शहर के 25 हजार लोग और नवगठित जिले के लाखों लोगों को एक साथ सुबह स्वप्न आया कि सक्ती को जिला बनाया जाय और दोपहर होते - होते लोग दिवास्वप्न को धरातल में लाने के लिए एकजुट हो गए , नागरबन्द ,धरना प्रदर्शन , काला झंडा और ना जाने कितने तरह का आंदोलन किये इन सब को देखते हुए सूबे के संवेदनशील मुखिया ने आखिर 15 अगस्त को सक्ती को जिला घोषित कर दिया।
लेकिन सवाल यह है कि क्या जिनके मजबूत कंधों पर सूबे के मुखिया ने सक्ती के विस्तार की जिम्मेदारी दी थी क्या वे अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे है। आज सक्ती में आलम यह है की एक छोटा सा कर्मचारी भी बड़े अधिकारी के नाते रिश्तेदार है अगर यक़ीन ना हो तो SDM से लेकर डॉक्टरों का रिकॉर्ड चेक कर ले , कोई किसी का दामाद , चाचा , पत्नी , चपरासी , निकलेगा।
अब इस बात की जानकारी सूबे के संवेदनशील मुखिया को है या नही यह हमें पता नही लेकिन अगर नव गठित सक्ती जिले में सूबे के संवेदनशील मुखिया ने या फिर माननीय विधायक ने ध्यान नही दिया तो आगामी विधानसभा चुनाव में सक्ती से कांग्रेस की कुर्शी खिसक जानी लगभग है। अभी भी चुनाव में कुछ महीनों का वक्त बाकी है सक्ती को संभाल सको तो संभाल लो नही तो जय जोहार होना तय है।


















