फिर बढ़ी आसाराम बापू की मुश्किलें, आशाराम की जमानत रद्द कराने सुप्रीमकोर्ट पहुंची रेप पीड़िता, SC में दी यह दलील
नई दिल्ली 04 दिसम्बर 2025 - नाबालिग रेप पीड़िता ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़िता के वकील ने दलील दी कि आसाराम बापू गंभीर रूप से बीमार नहीं हैं। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के वकील अल्जो जोसेफ ने दलील दी कि स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम देश भर में यात्रा कर रहे हैं और गंभीर रूप से बीमार नहीं हैं, इसलिए उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए।
वकील ने कोर्ट को बताया कि अगस्त में हाई कोर्ट ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया था। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आसाराम की हालत स्थिर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
जोसेफ ने यह भी तर्क दिया कि चिकित्सा आधार पर जमानत पाने वाले आसाराम अहमदाबाद, जोधपुर और इंदौर सहित अन्य स्थानों की यात्रा कर रहे हैं। वकील ने बताया कि आसाराम ऋषिकेश से महाराष्ट्र भी गए थे। जोसेफ ने बताया कि आसाराम ने कभी किसी अस्पताल में लंबे समय तक इलाज नहीं कराया। उन्होंने आगे बताया कि आसाराम जोधपुर में आयुर्वेदिक उपचार ले रहे हैं और उन्हें कोई बीमारी नहीं है।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को चिकित्सा आधार पर छह महीने की जमानत दे दी। आसाराम के वकील देवदत्त कामत ने तर्क दिया कि वह लंबे समय से बीमार हैं और जेल में उनका उचित इलाज संभव नहीं है। इसलिए बिना हिरासत के उन्हें जमानत देने से उनके इलाज में मदद मिलेगी।
एक हफ्ते बाद 6 नवंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने भी आसाराम को जमानत दे दी। उनके वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को पीठ के समक्ष पेश किया और विचार के लिए निवेदन किया। उनके वकील ने तर्क दिया कि 86 साल के आसाराम दिल संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें इलाज कराने का अधिकार है। गुजरात हाईकोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट का अनुसरण करते हुए जमानत दे दी।


















