सक्ती - मंगलू नाउ, सुदामा नाउ, विजय और तिलेश्वर तो प्यादे है, सट्टा बाजार का असली खिलाड़ी तो यह है..
सक्ती 24 सितम्बर 2025 - काफी दिनों तक सट्टे की काली कमाई से ऐश करने वाले दो सटोरिये आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए, ऐसा शायद दूसरी बार हुआ है जब सक्ती पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कार्यवाही की है। इस तरह की पहली कार्यवाही सक्ती SDOP मनीष कुंवर ने की थी और कड़ी से कड़ी जोड़ कर वार्ड क्रमांक 10 के सटोरिया पार्षद हुलास देवांगन और प्रियांशु अग्रवाल को 31 मार्च को गिरफ्तार किया था।
अब आज एक बार फिर SDOP मनीष कुंवर ने SP अंकिता शर्मा के मार्गदर्शन में कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए सटोरिया मंगलू नाउ के बेटे और सुदामा नाउ के भतीजे विजय श्रीवास और उसके सहयोगी तिलेश्वर श्रीवास को छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम की धारा 6 और 7 के तहत गिरफ्तार किया है।
अब सक्ती पुलिस की इस कार्यवाही में एक बात समझ से परे है कि जब सुदामा नाउ से पूछताछ के बाद विजय उर्फ विक्की श्रीवास और तिलेश्वर श्रीवास को गिरफ्तार किया है तब उनसे पूछताछ कर मुख्य खाईवाल ऑटो पार्ट्स के दुकान के संचालक तक पुलिस क्यो नही पँहुच पा रही है। जबकि सब इस बात से भलीभांति परिचित है कि अंक सट्टे का सबसे बड़ा खाईवाल तो झुलकदम में ऑटो पार्ट्स की दुकान चलाता है और वो एक बार गिरफ्तार भी हो चुका है।
सुदामा , मंगलू और तिलेश्वर तो मात्र प्यादे है असली खिलाड़ी तो ऑटो पार्ट्स दुकान का संचालक है जो ना जाने कितने लोगों को 10 प्रतिशत कमिसन देकर सट्टा पट्टी लिखवाता है। और जब तक यह झुलकदम में संचालित ऑटो पार्ट्स दुकान का सटोरिया संचालक गिरफ्तार नही हो जाता सक्ती से अंक सट्टे के काले कारोबार को खत्म करना सम्भव नही है।
अगली कड़ी में बताएंगे कि सुदामा नाउ अपने पेंट के किस जेब मे किस अधिकारी को लेकर घूमता था..।



















