छत्तीसगढ़ - हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी की सजा घटाई , अभियोजन पक्ष साबित नही कर सका यह बात
बिलासपुर 03 जुलाई 2025 - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में दोषी को दी गई 20 साल की सजा को घटाकर 10 साल कर दिया है, क्योंकि अभियोजन पक्ष पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम साबित नहीं कर सका। यह मामला कांकेर जिले का है, जहां नवंबर 2018 में एक गूंगी युवती के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी।
युवती की मौसी ने उसे गायब पाया और तलाशी के दौरान आरोपी महेंद्र जैन के घर से पीड़िता डरी हुई हालत में बाहर आई, और इशारों में पूरी घटना बताई। निचली अदालत ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी मानते हुए 376 और 342 धाराओं में 20 साल की कठोर कैद और 5 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी।
लेकिन हाईकोर्ट में अपील पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने कहा कि पीड़िता की उम्र 18 साल से कम साबित नहीं हो सकी, इसलिए पॉक्सो एक्ट की धाराएं लागू नहीं होतीं। हालांकि, दुष्कर्म के अपराध में दोष साबित हुआ और IPC की धारा 376(2) के तहत 10 साल की न्यूनतम सजा उचित मानी गई। कोर्ट ने दोषी के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड का अभाव और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए सजा में यह संशोधन किया।


















