छत्तीसगढ़ - हत्या को दिया था हादसे का शक्ल , 04 साल बाद ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश
गरियाबंद , 2024-07-29 01:34:29
गरियाबंद 29 जुलाई 2024 - देवभोग पुलिस ने साइबर सेल की मदद से चार साल पुराने दहिगांव में हुए हत्या के मामले को सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो व्यक्तियों का गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक 26 जून 2020 की रात दहिगांव निवासी 22 वर्षीय झजकेतन और गांव के ही देवीराम प्रधान उम्र 51 वर्ष के बीच ताड़ी बिक्री की शिकायत को लेकर विवाद हुआ था। विवाद में देवीराम ने झजकेतन के सिर में पत्थर से वार किया था, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई थी।
शुरुआत में इसे आरोपी और उसके सहयोगी हेमसिंह रजक ने हादसा का रूप दे दिया गया था और देवभोग थाने में सूचना देने के बजाए सीधे ओडिसा के धर्मगढ़ अस्पताल ले जाया गया था। हेमसिंह ने झूठी कहानी बता कर थाने में सूचना दी थी,जिस पर 27 जून 2020 को पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया था।
हैरानी की बात तो है की तत्कालीन डॉक्टर अंजू सोनवानी ने पीएम रिपोर्ट में हत्या की संभावना जाहिर कर बताया था की सिर में वजनदार वस्तु से वार होना उल्लेख किया था। बावजूद इसके तत्कालीन थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस ने साक्ष्य का अभाव दर्शा कर मामले की लीपापोती कर खत्म कर दिया था।
मृतक के पिता फूलचंद रजक ने बताया कि हत्या की चर्चा पूरे गांव में थी। लेकिन पुलिस नहीं मान रही थी, मेरे बार बार गुहार के बावजूद मुझे न्याय देने के बजाए थाना प्रभारी मुझे जेल भेजने की धमकी देता था।
मामले में चार साल बाद रविवार को देवभोग थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि पुलिस ने देवीसिंह प्रधान उम्र 51 और हेमसिंह रजक उम्र 41 साल के विरूद्ध धारा 302, 201(34) के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।