नेताओ का परिचय बताने के लिए सक्ती वालो को दिमाग मे डालना पड़ रहा है जोर , जाने क्या है मामला
सक्ती , 25-04-2024 7:01:57 AM
सक्ती 25 अप्रैल 2024 - सत्ता परिवर्तन के बाद से पूरे छत्तीसगढ़ के नेताओ में दल बदलने को होड़ मची हुई है। हालांकि नेता इसे घर वापसी बता है लेकिन हकीकत क्या है इसे लोग अच्छी तरह से समझ रहे है।
अगर बात करे सिर्फ सक्ती की तो जब से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है तब से भाजपा में शामिल होने वालों की कतार लगी है अब हालात यह हो गए है कि कद्दावर कहे जाने वाले कांग्रेसी नेताओं की संख्या एक हाथ की उंगली पर गिनी जा सकती है। अब किसी नेता का परिचय बताने के लिए लोगो को दिमाग मे जोर लगानी पड़ रही है कि वो कांग्रेस में है या भाजपा में शामिल हो गए है।
सक्ती के दो पूर्व मंत्री तो दल बदल बदल कर अपनी खुद की पहचान तक भूल गए है। गोंडवाना , राकपा , कांग्रेस , भाजपा जैसी पार्टी तो इनका घर बन गया है जब मन पड़े तब एक को छोड़ कर दूसरे में चले जाना मानो इनकी आदत बन गई है। इन दोनों नेताओं को खुद याद नही होगा कब किस पार्टी को छोड़े है और कब किस पार्टी में शामिल हुए है जब खुद इन्हें याद नही है तो आमलोग क्या खाक याद रखेंगे।
अभी हाल की बात करे तो एक मंत्री के दत्तक पुत्र ने महज एक साल के भीतर तीन बार पार्टी बदली है और दूसरे मंत्री महोदय का क्या कहना वो तो हर चुनाव में पाला बदल लेते है। मंत्रियों के साथ एक पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भी कम नही है वे भी राकपा , भाजपा और कांग्रेस तीनो पार्टी में रहते हुए खूब मलाई खाई है लेकिन अब उसकी हालत पुराने जमाने के उस बल्फ की तरह हो गई है जो जलती तो है लेकिन रौशनी नही देती है।
हालांकि वे भी घर वापसी के लिए छटपटा रहे है लेकिन जो गद्दारी उसने पालिका चुनाव के वक्त भाजपा से की थी वो अब घर वापसी में बड़ी बाधा बन रही है।


















