खत्म हुआ अंग्रेजों के जमाने का कानून , राष्ट्रपति ने नए क्रिमिनल लॉ को दी मंजूरी , अब नही मिलेगी तारीख पर तारीख
नई दिल्ली , 26-12-2023 6:27:34 AM
नई दिल्ली 26 दिसंबर 2023 - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के तीनों बिलों को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय जल्द ही इन विधेयकों को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। बता दें कि अंग्रेजों के शासन काल से चले आ रहे लगभग 150 वर्ष अंग्रेजों के जमाने के पुराने कानूनों में मोदी सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं।
संसद के शीत सत्र में लोकसभा और राज्यसभा ने भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता ( CRPC ) और साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन आपराधिक विधेयक - भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023 , भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी थी।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से ‘तारीख पे तारीख’ युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल में न्याय मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमने कहा था कि न्याय की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी, क़ानून सरल बनाए जाएंगे और क़ानून भारतीय होंगे। अब नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, शरीर और विचार पूरी तरह से भारतीय हैं।
बताया जा रहा है कि इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को सदन में रखा गया था। इन विधेयकों को अगस्त में हुए संसद के मानसून सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में रखा था। बाद में तीनों बिलों को रिव्यू के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था। पिछले सप्ताह विधेयकों का नया संस्करण लाया था। तीन नए बिलों को पेश करने के दौरान अमित शाह ने कहा कि इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार करने का उद्देश्य आपराधिक कानूनों में सुधार करना है।



















