छत्तीसगढ़ - जाने भाजपा के नौ-गढ़ के बारे में जिसे भेदने के लिए कांग्रेस को बहाना पड़ेगा पसीना
रायपुर , 14-09-2023 6:41:08 PM
रायपुर 14 सितंबर 2023 - विधानसभा चुनाव में मिशन 75 में जुटी कांग्रेस की नजर भाजपा के नौ गढ़ पर है। राज्य गठन के बाद हुए चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव और रायपुर दक्षिण से भाजपा की लगातार जीत हो रही है। वहीं, सात सीट ऐसी है, जिसमें भाजपा को सिर्फ एक या दो बार हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति बनाई है।
कांग्रेस के रणनीतिकारों की मानें तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की मंशा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसे मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएं, जो उनको क्षेत्र में बांधने में सफल रहे। भाजपा के मजबूत नेता रायपुर , दुर्ग और बिलासपुर संभाग में है। सरगुजा और बस्तर का किला फतह करने के लिए पार्टी पुराने नेताओं पर ही दांव लगाने की तैयारी कर रही है। बस्तर और सरगुजा की तीन से पांच सीट पर ही उम्मीदवार बदले जाएंगे।
यह है भाजपा के नौ-गढ़ :-
राजनांदगांव
यहां से पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह लगातार तीन बार विधायक है। 2003 में यहां से कांग्रेस की टिकट पर उदय मुदलियार को जीत मिली थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद 2008 के चुनाव में डा रमन सिंह ने यहां से जीत दर्ज की, जो अब तक बरकरार है।
रायपुर दक्षिण
यहां से बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं। बृजमोहन अग्रवाल लगातार सात चुनाव जीतने वाले प्रदेश के इकलौते नेता है। वह रमन सरकार में मंत्री थे और भाजपा के मजबूत रणनीतिकारों में गिनती होती है।
कुरुद
कुरुद से भाजपा के अजय चंद्राकर विधायक हैं। पिछले चार चुनाव में तीन बार अजय को जीत मिली है, जबकि एक बार 2008 के चुनाव में कांग्रेस के लेखराम साहू ने जीत दर्ज की। रमन सरकार में अजय मंत्री थे और अभी भाजपा के आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष हैं।
बिल्हा
यहां से भाजपा के धरमलाल कौशिक विधायक हैं। राज्य गठन के बाद हुए चार में दो चुनाव धरमलाल कौशिक ने जीता है, जबकि दो बार कांग्रेस के सियाराम कौशिक ने जीत दर्ज की। कौशिक विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं और आठ महीना पहले तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मुंगेली
यहां 2003 में कांग्रेस के चंद्रभान को जीत मिली थी। उसके बाद से हुए तीन चुनाव में पुन्नूलाल मोहिले को जीत मिली। रमन सरकार में मोहिले मंत्री भी थे। मोहिले ने लोकसभा में भी भाजपा का प्रतिनिधित्व किया है।
वैशाली नगर
यहां से भाजपा के विद्यारतन भसीन विधायक थे। उनके निधन के बाद सीट खाली है। 2008 के परिसमन के बाद यहां से भाजपा की सरोज पांडेय विधायक चुनी गई। उनके सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के भजन सिंह निरंकारी को जीत मिली। हालांकि अगले दो चुनाव में यहां भाजपा अपना कब्जा बरकरार रखे हुए हैं।
बिंद्रनवागढ़
यहां से भाजपा के डमरुधर पुजारी विधायक हैं। पिछले तीन चुनाव में भाजपा ने यहां गोवर्धन मांझी और डमरुधर की टिकट की अदला-बदली करके जीत हासिल की है।
मस्तुरी
यहां से भाजपा के केएम बांधी विधायक हैं। राज्य गठन के बाद हुए चार चुनाव में तीन बार बांधी और 2013 के चुनाव में कांग्रेस के दिलीप लहरिया ने जीत दर्ज की थी। बांधी रमन सरकार में मंत्री थे।
बेलतरा
यहां से भाजपा के रजनीश सिंह विधायक है। वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद हुए तीनों चुनाव में यहां भाजपा को जीत मिली है। इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान करते थे।


















