सक्ती - रश्मि गबेल का जिलाध्यक्ष बनाना कांग्रेसियों को नही आ रहा है रास, निकल रही है तरह-तरह की बाते..
सक्ती 29 नवम्बर 2025 - 2023 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद धरातल तलाश रही कांग्रेस में एक बार फिर अंदरूनी कलह खुल कर सामने आई है। AiCC ने बीते शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में 41 नए कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है जिसमे जांजगीर चाम्पा जिले से राजेश अग्रवाल को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है वही सक्ती जिले में रश्मि गबेल को सक्ती जिले का नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले सक्ती जिला कांग्रेस की कमान त्रिलोक चंद जायसवाल (दादू) के हाथों में थी।
लेकिन इस बार त्रिलोक चंद जायसवाल (दादू) ने जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी नही की थी लेकिन कई कर्मठ और समर्पित नेता इस पद की रेस में थे इसके बावजूद रश्मि गबेल को सक्ती कांग्रेस जिला अध्यक्ष बनाये जाना कांग्रेसियों के साथ आम लोगो को हजम नही हो रहा है।
रश्मि गबेल सीनियर कांग्रेस नेत्री होने के साथ नेता प्रतिपक्ष और सक्ती विधायक डॉ चरणदास महंत की काफी करीबी है लेकिन रश्मि में नेतृत्व क्षमता की कमी है जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे है। रश्मि गबेल के नए जिलाध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेसी कार्यकता तरह-तरह की बाते कर रहे है। आरोप तो डॉ महंत पर भी लग रहे कि उन्होंने सभी वरिष्ठ और अनुभवशाली नेताओ को छोड़कर रश्मि का नाम आगे बढ़ाया।
महंत जी का जनाधार सक्ती विधानसभा में लगातार गिरते जा रहा है इसका उदाहरण साल 2023 का विधानसभा चुनाव है। त्रिलोक चंद जायसवाल (दादू) जब तक जिलाध्यक्ष थे तब तक कांग्रेस के किसी भी आंदोलन में 20 से 25 अधिक कार्यकर्ता शामिल नहीं हुए अब रश्मि जी के हाथ मे जिला कांग्रेस का नेतृत्व है तो देखते है कि वो कुछ कमाल कर पाती है या फिर त्रिलोक चंद जायसवाल (दादू) की तरह महंत जी की कठपुतली बन कर 03 साल का समय ब्यतीत करती है।


















