बस्तर में बाढ़ से हाहाकार , टूटा 94 साल के बारिश का रिकॉर्ड , वायुसेना के हेलीकॉप्टर से चल रहा है बचाव कार्य
जगदलपुर 27 अगस्त 2025 - पहाड़ों और घने जंगलों की खूबसूरती के लिए चर्चित बस्तर इन दिनों बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना है. हालात इतने गंभीर हैं कि विदेश दौरे के बीच मुख्यमंत्री साय ने राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली. इस बार बस्तर में बारिश का 94 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. एक दिन में 210 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
यहां सोमवार रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग के डेटा के अनुसार, बस्तर में 94 साल रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. 24 घंटे में 217 मिमी बारिश हुई है. इससे पहले 1931 में इतनी बारिश हुई थी।
मूसलाधार बारिश के कारण जिले के नदी-नाले उफान पर हैं. कई गांवों का सम्पर्क भी टूट गया है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. वहीं जगदलपुर में इंद्रावती की सहायक गोरिया बाहर नाला उफान पर है, जिसकी वजह से सांसद निवास कलचा सहित दर्जनों गांवों का संपर्क जगदलपुर शहर से टूट गया है।
जगदलपुर शहर के आधा दर्जन वार्ड भी पानी की चपेट में आ चुके हैं, कई घरों में पानी घुस गया है. इस बीच जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है, वहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं है और लोग जान जोखिम में डालकर नालों को पार कर रहे हैं. बारिश का सबसे ज्यादा असर लोहंडीगुड़ा के मांदर गांव में देखने को मिला, जहां बाढ़ से 85 परिवारों को विस्थापित होना पड़ा।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. पांच हेलिकॉप्टर से 5 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया. वहीं रेस्क्यू में SDRF की टीम भी जुटी हुई है. SDRF की टीम ने 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।
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