जलाशय में डूबने से दो युवकों की मौत , पिकनिक मनाने देवपहरी जलाशय आये थे युवक , अब तक बरामद नही हुआ है शव ,,
कोरबा , 2020-12-05 11:52:05
कोरबा 05 दिसम्बर 2020 - परिवार के साथ पिकनिक मनाने देवपहरी आया एक युवक फिसलकर झरने में जा गिरा। करीब 80 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद बहकर वह पत्थरों के बीच फंस गया। दोपहर साढ़े 12 बजे की घटना के बाद आस-पास के ग्रामीणों व पुलिस ने उसे खोजने का काफी प्रयास किया पर बहाव तेज होने से उसका पता नहीं लगाया जा सका। इसके अलावा शुक्रवार को ही दोपहर 03 बजे नकिया झरने में हुई दूसरी घटना में एक युवक डूब गया। इस घटना में भी युवक को नहीं ढूंढा जा सका है।
बिलासपुर स्थित रेलवे कालोनी तारबहार में रहने वाले पी हलधर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर में ओएचई मेंटेनेंस से संबंधित कर्षण वितरण विभाग (टीआरडी) में कार्यरत हैं। गुरूवार को उनका पुत्र कल्याण हलधर उर्फ बाबई (25) अपनी मां व बहन के साथ कोरबा आए थे। बिलासपुर से कोरबा आकर कोसाबाड़ी में निवास कर रहे एक पूर्व परिचित के घर वे रुके और शुक्रवार को सुबह पिकनिक मनाने दोनों परिवार देवपहरी पहुंचे। पिकनिक के दौरान सभी घटनास्थल की ओर दौडे। इससे पहले कि कोई उसकी मदद कर पाता, कल्याण तेज बहाव और ऊंचाई से गिरते अथाह जल राशि में विलीन हो चुका था। इस बात की सूचना आस-पास के ग्रामीणों और पुलिस को दी गई। उन्होंने मौके पर पहुंचकर कल्याण को खोजने का काफी प्रयास किया पर कोई फायदा न हुआ। अनुमान लगाया जा रहा है कि नीचे गिरने के बाद वह आस-पास के 20 मीटर के दायरे में किसी स्थान पर पानी के नीचे पत्थरों के बीच फंस गया है।
शुक्रवार को दोपहर साढे 12 बजे की इस दर्दनाक घटना को अपनी आंखों से देखने वाली कल्याण की मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उसके पिता बीएल हलधर घटना के समय बिलासपुर में थे और सूचना मिल के बाद पर सडक मार्ग से दोपहर पहुंचे। इस बीच मोबाइल पर उन्होंने रेलवे के स्थानीय अफसरों को सूचित कर जल्द से जल्द रेस्क्यू की व्यवस्था करने मदद भी मांगी है।
गांव के पंच हरीशंकर यादव समेत लेमरू व देवपहरी के ग्रामीणों ने इस परिवार की सहायता करने काफी प्रयास किया और दोपहर से शाम तक झरने के पास ही डटे रहे। वे उसकी तलाश में नीचे जाना भी चाहते थे। पर झरने का पानी जहां गिरता है, वह गहरा होने के साथ पत्थरों से भरा हुआ है। काफी अधिक मात्रा में ऊपर से पानी काफी बल से नीचे गिरता है और ऐसे खतरनाक स्थल पर जाने से किसी और जान भी खतरे में न पड जाए, इसलिए पुलिस ने किसी को वहां जाने की अनुमति नहीं दी। शनिवार की सुबह सात बजे गोताखोर आएंगे, पानी का बहाव कम करने या डायवर्ट करने का प्रयास किया जाएगा और तलाश शुरू की जाएगी।