छत्तीसगढ़ - 9 साल की बच्ची की लाश से रेप , लेकिन कोर्ट ने नहीं दी सजा , जाने क्या है मामला
बिलासपुर , 2024-12-22 14:18:45
बिलासपुर 22 दिसम्बर 2024 - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मौजूदा भारतीय कानून में शव के साथ दुष्कर्म ( नेक्रोफीलिया ) को अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, इस आधार पर किसी को सजा नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि देश में प्रचलित कानून में शव के साथ दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है। मौजूदा कानून में नेक्रोफीलिया अपराध नहीं है। वर्तमान कानून में शव के साथ दुष्कर्म करने वाले को सजा देने का प्रविधान नहीं है।
मामला गरियाबंद जिले की 9 वर्षीय बच्ची की हत्या और हत्या के बाद दुष्कर्म से जुड़ा है। उसकी मां ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन यादव को हत्या और अन्य अपराधों में उम्रकैद की सजा दी है, जबकि सह आरोपित नीलकंठ नागेश को साक्ष्य मिटाने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई है।
जाने क्या हुआ था 18 अक्टूबर 2018 को
18 अक्टूबर 2018 को गरियाबंद निवासी नौ साल की बालिका का शव सुनसान इलाके में मिला था। 22 अक्टूबर 2018 को आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि नितिन यादव ने बच्ची का अपहरण और रेप कर हत्या की थी आरोपी नीलकंठ ने अपने बयान में इस बात का जिक्र किया था कि उसने शव के साथ दुष्कर्म किया था।
सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन यादव को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं नीलकंठ को साक्ष्य छिपाने के आरोप में 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले को बच्ची की मां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी। अब कानून में बदलाव की मांग उठी है।