सक्ती - दिनेश और आयुष शर्मा 'अन्नपूर्णा' ने दी आंवला नवमी की बधाई , बताया आंवला नवमी का महत्व
स्पॉन्सर्ड , 2024-11-10 02:10:23
सक्ती 10 नवम्बर 2024 - बाराद्वार के भाजपा नेता दिनेश शर्मा और विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष आयुष शर्मा "अन्नपूर्णा" ने प्रदेशवासियों को आंवला नवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी है। आयुष शर्मा ने कहा है कि हिंदू धर्म में आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन को अक्षय नवमी भी कहा जाता है। मान्यता है अक्षय नवमी के दिन किए जाने वाले पुण्यकार्य का अक्षय फल सभी को प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है।
दिनेश शर्मा "अन्नपूर्णा" ने आंवला नवमी का महत्व बताते हुए कहा कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय या आंवला नवमी मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में कई वृक्षों को पूजनीय माना गया है. आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा कर उसी के नीचे भोजन करने का भी विधान है।
दिनेश शर्मा "अन्नपूर्णा" ने आगे बताया कि आंवला नवमी का वैज्ञानिक, आध्यात्मिक व पौराणिक महत्व है. संभव हो तो इस दिन निःसहाय, जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र देना चाहिए. शास्त्रों में वर्णन के अनुसार, इससे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है।
आयुष शर्मा "अन्नपूर्णा" ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार एक बार धन की देवी मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने के लिए आई थी. उस दौरान उन्हें भगवान विष्णु एवं शिव की साथ में पूजा करने की इच्छा हुई. उन्होंने भ्रमण के दौरान देखा कि तुलसी एवं बेल ऐसे पौधे हैं जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. जबकि तुलसी विष्णु जी व बेल भोलेनाथ को पसंद है. तब उन्होंने आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु व शिवजी का वास मानते हुए उसकी पूजा की. माता लक्ष्मी की पूजा से देवता खुश हुए एवं मां लक्ष्मी के हाथों से बनाया हुआ भोजन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर किया. इसलिए आंवला नवमी के दिन घर में आंवले का पौधा लगाना एवं नियमित रूप से उसकी पूजा करना शुभ माना जाता है।
दिनेश शर्मा "अन्नपूर्णा" ने बताया कि इस वर्ष मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार आंवला या अक्षय नवमी का पर्व 10 नंवबर रविवार को ही मनाया जाएगा।