इस शर्त पर पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मिली जमानत , 17 महीने बाद जेल से निकलेंगे बाहर
स्पॉन्सर्ड , 2024-08-09 13:58:15
नई दिल्ली 09 अगस्त 2024 - दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आखिरकार जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ED और CBI केस में शुक्रवार को जमानत दे दी. मनीष सिसोदिया 16 महीनों बाद जेल से बाहर निकलेंगे. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. वह तब से ही तिहाड़ जेल में बंद थे. सिसोदिया 16 महीने बाद ‘सूर्योदय और सूर्यास्त’ देखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 10-10 लाख रुपये के 2 मुचलकों पर जमानत दी है. अदालत ने उन्हें पासपोर्ट सरेंडर करने, हर हफ्ते सोमवार को जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की शर्त पर जमानत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने जिस वक्त मनीष सिसोदिया को जमानत दी, उस समय ED के वकील ने मांग की कि पूर्व मंत्री को दिल्ली सचिवालय जाने से रोकने की शर्त को भी आधार बनाकर जमानत दिया जाए. कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
बेंच ने कहा, ‘अपील स्वीकार की जाती है. दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया जाता है. उन्हें ED और CBI दोनों केसों में जमानत दी जाती है.’ बेंच ने कहा, ‘सिसोदिया स्पीडी ट्रायल के अधिकार से वंचित हैं. हाल ही में जावेद गुलाम नबी शेख केस में हमने इस पक्ष पर विचार किया था और कहा था कि जब कोर्ट, राज्य या एजेंसियां स्पीडी ट्रायल के अधिकार की रक्षा नहीं कर सकती है तो जमानत का यह कहकर विरोध नहीं किया जा सकता है कि अपराध गंभीर है. अपराध की प्रकृति कैसी भी हो आर्टिकल 21 लागू होती है।
कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की जड़ें समाज में गहरी जुड़ीं हैं और इसलिए वह भाग नहीं सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत जब्त किए जा चुके हैं और इसलिए इनसे छेड़छाड़ की संभावना नहीं है. कोर्ट ने जांच एजेंसियों की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि ट्रायल में देरी की वजह खुद मनीष सिसोदिया हैं।
इस मामले में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने 6 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था. मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।