छत्तीसगढ़ - पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े तो रिकॉर्ड वोट से जीते और दूसरी बार लड़े तो जमानत हो गई जप्त
जगदलपुर , 2024-03-20 22:07:29
जगदलपुर 20 मार्च 2024 - सांसद रहते यदि कोई नेता पांच साल बाद जनता के सामने वोट मांगने जाए और जनता जमानत जब्त करा दे, ऐसा मामला कभी कभार ही देखने सुनने को मिलता है। यहां बस्तर संसदीय सीट में एक बार ऐसा हो चुका है। बस्तर के चुनावी इतिहास की यह घटना 1962 और 1967 के लोकसभा चुनाव से जुड़ी है।
1962 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी लखमू भवानी कुल विधिमान्य मतों में 46.66 प्रतिशत मत प्राप्त कर सांसद चुने गए थे। उन्हें बस्तर के तत्कालीन महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव का समर्थन प्राप्त था, इसलिए जनता ने चुनाव में भरपूर स्नेह दिया था।
लखमू भवानी पांच साल बाद 1967 में सांसद रहते एक बार फिर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन इस बार जनता का इरादा कुछ और ही था। जिसका अंदाजा लखमू भवानी को बिल्कुल भी नहीं था। आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में लखमू भवानी 5204 (2.69 प्रतिशत) मत प्राप्त कर सबसे अंतिम आठवें पायदान पर रहे।
जनता ने उनकी जमानत जब्त करा दी थी। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी झाडू सुंदरलाल चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हुए थे। बस्तर चुनाव के इतिहास में सांसद रहते जमानत जब्त होने का यह इकलौता मामला है।