सक्ती - कलेक्टर से भी बड़ा अधिकारी बना पंचायत का सचिव मनोज गबेल , सभी के आदेश को दिखा रहा है ठेंगा
सक्ती , 30-12-2023 10:46:58 PM
सक्ती 30 दिसंबर 2023 - तथाकथित छुटभैये नेताओ की शह पा कर छोटे सरकारी कर्मचारी कितने निरंकुश हो गए है अगर इसकी बानगी देखनी हो तो जिला मुख्यालय सक्ती से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सकर्रा में जा कर देखा जा सकता है जँहा पंचायत सचिव के अड़ियल रवैये और हठधर्मिता के चलते ना सिर्फ गांव का विकास रुका हुआ है बल्कि महिला सरपंच भी बर्बादी की कगार पर आकर खड़ी हो गई है।
और इस सबका श्रेय जाता है ग्राम पंचायत सकर्रा के तत्कालीन सचिव मनोज गबेल को जो ट्रांसफर होने के बाद भी नए पंचायत सचिव कुमार मल्होत्रा को प्रभार नही दे रहा है।
ग्राम पंचायत सकर्रा की महिला सरपंच पद्मा बरेठ ने बताया कि सकर्रा के सचिव मनोज गवेल का ट्रांसफर तीन महीने पहले ग्राम पंचायत चरौदी हो गया है लेकिन वह ना तो चरौदी जा रहा है और ना नए सचिव कुमार मल्होत्रा को प्रभार दे रहा है जिसकी वजह से गांव में कराए गए कई विकास कार्यो का भुगतान अटका पड़ा है।
महिला सरपंच पद्मा बरेठ ने बताया कि उसने सेठ साहूकारों से उधार में सामग्री लेकर सी सी रोड , सुलभ शौचालय का निर्माण कराया था जिसकी राशि बैंक में आकर जमा है लेकिन सचिव के प्रभार नही देने से राशि आहरित नही हो पा रही है और साहूकार कर्ज वसूली के लिए लगातार दबाब बना रहे है। सचिव मनोज गबेल की करतूत से परेशान होकर अब सरपंच पद्मा बरेठ ने सक्ती कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना से मदद की गुहार लगाई है।
सूत्रों की माने तो सचिव मनोज गबेल को कुछ छुटभैये नेताओ का संरक्षण मिला हुआ है जिसके चलते वो अपने आगे जनपद CEO , जिला पंचायत CEO और कलेक्टर तक को कुछ नही समझता है ग्रामीणों की माने तो सकर्रा से पहले सचिव मनोज गबेल ग्राम पंचायत बंदोरा में 10 महीने तक पदस्थ था और अपने 10 माह के कार्यकाल के दौरान एक भी राशि आहरित नही की थी।


















