गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब एक खाखी वाले को सता रहा है एनकाउंटर का डर ,,
उत्तर प्रदेश , 2020-07-13 13:45:54
कानपुर 13 जुलाई 2020 - कानपुर के हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर विकास दुबे के लिए मुखबिरी के आरोप गिरफ्तार दो पुलिसकर्मियों में से एक सब इंस्पेक्टर के के शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। के के शर्मा ने एनकाउंटर में मारे जाने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की है।
बीट इंचार्ज के के शर्मा और चौबेपुर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर विनय तिवारी पर आरोप है कि दोनों ने विकास दुबे को पुलिस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी थी जिसकी वजह से विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बिकरू गांव गए डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों शहीद हो गए थे ।
बीट इंचार्ज के के शर्मा की पत्नी विनीता सिरोही द्वारा दाखिल याचिका में कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके 6 साथियों की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत का हवाला देते हुए सुरक्षा की मांग की गई है। साथ ही साथ इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की बात भी कही गई है। याचिका में कहा गया है कि आरोपियों की न्यायिक हत्याओं से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग का रवैया कैसा है यह स्पष्ट हो चुका है कि राज्य में कानून व्यवस्था की सुरक्षा के लिए काम करने वाले संस्थान ने कानून को अपने हाथ में ले लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही हत्या कर दी जा रही है।
के के शर्मा और विनीता सिरोही ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि यूपी पुलिस की देखरेख में मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी। ऐसे में इस मामले की जांच के लिए किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या सीबीआई को जिम्मा सौंपा जाए। साथ ही साथ याचिकाकर्ताओं ने यह भी निवेदन किया है कि यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट एक निर्देश जारी करे की के के शर्मा से पूछताछ कानपुर के माटी जेल में ही हो , जहां वो वर्तमान में है। उसे यहां से बाहर लेकर न जाया जाए।
याचिका में कहा गया है कि कानून का नियम देश में सवोच्च है और प्रत्येक आरोपी को संविधान के अनुच्छे 21 के तहत निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी दी गई है। ऐसे में याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छे 14, 19 और 21 के तहत अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।