सोलह श्रृंगार कर दुल्हन करते रही दूल्हे का इंतजार और पहुँच गया , फिर को कुछ हुआ वो ,,
छत्तीसगढ़ , 11-07-2020 12:56:03 AM
कोरबा 10 जुलाई 2020 - कोरबा जिले के तिलकेजा में एक नाबालिग बालिका का विवाह शुक्रवार को तय किया गया था। कुछ जागरूक ग्रामीणों ने वक्त रहते इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दे दी।
नाबालिग को हल्दी भी लग चुकी थी। अब शुभ मुहूर्त के साथ फेरे लेने बारातियों का इंतजार था। लेकिन ऐन वक्त पर महिला बाल विकास की टीम वहां पहुंची और विवाह रोक दिया।
महिला बाल विकास की टीम ने परिजनो को बाल विवाह की रोकथाम के लिए बने कानून के बारे में बताया की विवाह के लिए कानूनन लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके विपरित अगर बाल विवाह किया जाता है तो उनके विरूद्घ कठोर दंड का प्रावधान है। घराती-बराती एवं विवाह करनेवालों के साथ विवाह में सम्मिलित समस्त लोगों को कठोर दंड से दंडित किया जा सकता है। साथ ही लाखों का जुर्माना व सात वर्ष तक सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही यदि विवाह करने वाला लड़का 21 वर्ष का हो परंतु लड़की 18 वर्ष से कम हुई तो लड़के के विरूद्घ पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए सात वर्ष तक की सजा से दंडित किया जाएगा।
इन बातों से अवगत कराते हुए नाबालिग बालिका का विवाह उसके बालिग हो जाने के पश्चात करने समझाईश दी गई, जिससे परिजन भी सहमत हुए और बालिग होने के बाद ही विवाह कराने का संकल्प लिया।


















