कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना? , पड़ेंगे कितने सोमवार, जाने तिथि और धार्मिक महत्व


रायपुर 19 मई 2025 - हिंदू धर्म में सावन का महीना विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। सावन माह को भक्ति, व्रत और पुण्य का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और विशेष पूजा-पाठ करते हैं। मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। ऐसे में आइए जानते हैं भगवान शिव का प्रिय माह सावन कब से शुरू हो रहा है।
साल 2025 में सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा और 09 अगस्त को समाप्त होगा। यानी इस बार यह महीना पूरे 30 दिन का रहेगा।
इस बार सावन में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे। पहला सोमवार व्रत 14 जुलाई को, दूसरा 21 जुलाई को, तीसरा 28 जुलाई को और चौथा सोमवार व्रत 04 अगस्त को होगा।मान्यता है कि ये चारों दिन व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
स्कंद पुराण में बताया गया है कि श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। हर दिन पर्व के समान होता है और इस महीने में नियमपूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि इसी महीने भगवान शिव अपनी पत्नी पार्वती के मायके यानी पृथ्वी पर आए थे, जहां उनका जलाभिषेक कर स्वागत किया गया था।
सावन में क्या करें?
सावन के महीने में हर दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद या गंगाजल से अभिषेक करना शुभ होता है। पूरे महीने सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। सोमवार के दिन व्रत रखकर शिव मंत्रों का जाप करें और आरती करें। इस महीने दूध, दही, घी या सफेद वस्त्र का दान करना भी शुभ माना जाता है।
सावन में क्या न करें?
सावन के दौरान तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन से दूर रहना चाहिए। इस माह में किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें और अपशब्दों का प्रयोग भी टालें। शिवलिंग पर हल्दी या केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा दिन में सोना और बैंगन खाना भी वर्जित माना गया है।