छत्तीसगढ़ - सौतेली मां और चाची ने कराई नाबालिग बेटे की हत्या , 50 हजार रुपये में दी थी सुपारी

बलौदाबाजार 04 अप्रैल 2025 - डोंगरीडीह गांव में कुछ दिन पहले एक 14 साल के नाबालिग लड़के की हत्या कर उसकी लाश को महानदी के किनारे रेत में दफना दिया गया था। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। लेकिन पुलिस ने महज 48 घंटे में इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर दिया। हैरानी की बात यह थी कि हत्या की साजिश किसी और ने नहीं, बल्कि खुद लड़के की सौतेली मां और सगी चाची ने रची थी।
डोंगरीडीह गांव की रहने वाली दुर्गा घृतलहरे का 14 वर्षीय बेटा शाम को अपने नाना के घर जाने के लिए निकला था। लेकिन वह न तो नाना के घर पहुंचा और न ही रात तक घर लौटा। परिजनों ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। जिसके बाद लवन थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
दो दिन बाद, गांव के लोगों ने महानदी के किनारे रेत में दबी एक लाश देखी और तुरंत पुलिस को सूचना दी। लवन पुलिस मौके पर पहुंचे और जब लाश को बाहर निकाला गया, तो उसकी पहचान दुर्गा घृतलहरे के बेटे के रूप में हुई। शव पर चोट के कई निशान थे और गले में बेल्ट लिपटी हुई थी। शुरुआती जांच में पुलिस ने गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि की।
साइबर एविडेंस के आधार पर कुछ संदिग्धों पर शक हुआ, जिससे जांच का रुख नाबालिग के परिवार की ओर मुड़ गया। जब पुलिस ने मृतक की सौतेली मां मीना घृतलहरे से सख्ती से पूछताछ की, तो वह टूट गई और सच उगल दिया। उसने बताया कि घर में आए दिन झगड़ों से परेशान होकर उसने अपनी देवरानी मोंगरा के साथ मिलकर लड़के की हत्या की साजिश रची।
मीना ने अपने पुराने परिचित गोविंदा कोशले को 50,000 रुपये की सुपारी दी। गोविंदा ने तीन अन्य नाबालिगों के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। जिस दिन लड़का अपने नाना के घर जाने के लिए निकला, उसी दिन गोविंदा और उसके साथी उसे बहला-फुसलाकर बाइक पर बैठा कर मेहंदी गांव ले गए। वहां उसी की बेल्ट से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को महानदी के किनारे रेत में दफना दिया।