छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के मामले में 05 दिन में चालान पेश 35 वे दिन सजा का एलान , फास्ट ट्रैक कोर्ट का मामला
बलरामपुर , 2021-08-12 21:44:44
बलरामपुर 12 अगस्त 2021 - बलरामपुर जिले में पहली बार नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में त्वरित निर्णय आया है। पुलिस ने पांच दिन के भीतर अदालत में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया और 35 वें दिन अदालत ने आरोपित को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया। महिलाओं, बालिकाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ जारी विशेष अभियान में पुलिस ने तत्परता दिखाई और अदालत में आरोपी के खिलाफ सारे आरोप प्रमाणित पाए गए तथा उसे सजा सुनाई गई।
बीते दो जुलाई 2021 की रात डायल 112 के माध्यम से थाना प्रभारी त्रिकुण्डा को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना क्षेत्र के एक गांव में पांच वर्ष की अबोध बालिका के साथ आरोपित महेश चरगट द्वारा दुष्कर्म किया गया है। एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल के नेतृत्व में त्रिकुंडा थाना प्रभारी अनिता मिंज के साथ पुलिस टीम रात को ही घटनास्थल पहुंच गई थी। रात में ही आरोपित के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया था। अगले दिन अदालत के आदेश पर आरोपित को जेल दाखिल कर थाना प्रभारी त्रिकुण्डा द्वारा पांच दिवस के भीतर ही विवेचना पूर्ण कर बीते 07 जुलाई 2021 को अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) वंदना दीपक देवांगन द्वारा प्रकरण के सारे पक्षियों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को दुष्कर्म और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का दोषी पाया।
प्रकरण में अदालत ने 11अगस्त 2021 को अंतिम निर्णय पारित करते हुए आरोपित को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण के निराकरण में निरीक्षक अनिता प्रभा मिंज, सउनि नीलमणि कुजूर, प्रधान आरक्षक हेमचरण वारंगे, आरक्षक जितेन्द्र सिंह, तेजू राम, सत्यजीत सिंह एवं महिला आरक्षक तेरेसा बेक का विशेष योगदान रहा। इन सभी को पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने बधाई देते हुए पुरस्कृत करने की घोषण की है।
एसपी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ और पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि महिलाओं और नाबालिग बालिकाओं के साथ होने वाले अपराधों पर अत्यधिक गंभीरता के साथ विवेचना कर साक्ष्य संकलित किया जाए। साथ ही शीघ्रता से आरोपित को गिरफ्तारी कर चालान न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए। डीजीपी और आइजी के निर्देश पर एसपी रामकृष्ण साहू द्वारा बलरामपुर जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों और थाना, चौकी प्रभारियों को ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। एसपी ने कहा कि त्रिकुंडा थाना क्षेत्र का यह मामला बलरामपुर पुलिस के लिए भी एक नजीर है। इससे दूसरे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी प्रोत्साहित होंगे।समाज में भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।