बड़ा भाई छोटे भाई की पत्नी का करता था रेप , मामले का कुछ इस तरह हुआ खात्मा , पढ़े दिल को दहला देने वाली सच्ची खबर
झारखंड , 2021-07-01 19:16:39
जमशेदपुर 01 जुलाई 2021 - जमशेदपुर के जुगसलाई फाटक के पास मंगलवार देर शाम बिष्टूपुर निवासी टाटा स्टीलकर्मी प्रितपाल सिंह सैनी (51) व उसकी बेटी बलजीत सिंह (21) ने सुसाइड नोट छोड़ते हुए ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में प्रितपाल सिंह ने अपने बड़े भाई परमजीत सिंह सैनी पर उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म करने और मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किये जाने के कारण मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की बात कही है। फिलहाल, मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम करीब 7 बजे प्रितपाल सिंह सैनी और उसकी बड़ी बेटी बलजीत सैनी जुगसलाई फाटक के पास पहुंचे। वहां प्रितपाल सिंह ने एक सुसाइड नोट लिखा और उस पर अपने बड़े भाई परमजीत सिंह सैनी की फोटो लगाकर उस पर हत्यारा लिखते हुए लोगों को दिखाया और कहा कि उसका बड़ा भाई ही उसकी हत्या का कारण है। इसके बाद देखते ही देखते दोनों पिता-पुत्री ट्रेन के सामने कूद गए। मौके पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार प्रितपाल सिंह ने गत 16 दिसंबर 2020 को बिष्टूपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि उसके बड़ा भाई परमजीत सिंह सैनी पिछले कई दिनों से उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म कर रहा है। पर, इस मामले में अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई, जबकि गिरफ्तारी वारंट भी निकल चुका था। इसे लेकर प्रितपाल ने वरीय पदाधिकारियों के कई बार चक्कर काटे, पर परमजीत सिंह सैनी को पुलिस और बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जानकारी मिली है कि प्रितपाल सिंह और बलजीत घर से लगभग 6 बजे यह बोलकर निकले थे कि वह बाजार से चाऊमीन लाने के लिए जा रहे हैं। इस दौरान प्रितपाल की पत्नी और छोटी बेटी करिश्मा घर पर ही थीं। इधर, प्रितपाल और बलजीत करीब 6.30 बजे जुगसलाई फाटक के पास पहुंचे और काफी देर वहां खड़े रहे। फाटक के पास दोनों काफी देर से ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। सुसाइड नोट के अनुसार पुलिस द्वारा परमजीत सिंह को गिरफ्तार न किए जाने पर प्रितपाल आए दिन वरीय पदाधिकारियों और नेताओं के पास शिकायत लेकर जा रहे थे, पर पैसे और पहुंच के बलबूते परमजीत लगातार कार्रवाई से बच रहा था। इधर, सुसाइड नोट के अनुसार परमजीत और उसके साथी प्रितपाल और उसके परिवार को केस वापस लेने और बयान बदलने के लिए लगातार धमका रहे थे। इससे पूरा परिवार भयाक्रांत और मानसिक रूप से प्रताड़ित था।