इस तारीख से धार्मिक पूजा स्थल , मंदिर खोले जा सकेंगे , कलेक्टर यशवंत कुमार ने जारी किया आदेश
छत्तीसगढ़ , 2020-06-08 00:00:00
जांजगीर-चापा 08 जून 2020 - विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा नोबेल कोरोना वायरस को संक्रामक बीमारी घोषित किया गया है। संक्रमण से सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रकार के संभावित उपायों को अमल में लाने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री यशवंत कुमार ने व्यवस्था सुनिश्चित करने की शर्त पर धार्मिक/पूजा स्थल संचालित की जा सकेगी। श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने के कारण सोशल /फिजिकल डिस्टेंसिंग पालन कराए जाने में कठिनाई होती है एवं कोरोनावायरस के संक्रमण की संभावना के दृष्टिगत 8 जून तक समस्त धार्मिक पूजा संस्थान के प्रबंधक एसओपी ( मानक प्रचलन) के अनुसार समस्त व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। साथ ही 9 जून को संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा गठित समिति द्वारा संस्थान का निरीक्षण किया जाएगा। 10 जून से धार्मिक पूजा स्थल खोले जा सकेंगे। कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में उक्त गतिविधियां बंद रहेंगी।
65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर पर को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
आपस मे कम से कम 6 फीट की दूरी का पालन करेंगें। फेस कवर/मास्क का उपयोग करना अनिवार्य रहेगा। धार्मिक/पूजा स्थल में प्रवेश करने के पूर्व 40 से 60 सेकेन्ड तक साबुन से हाथ धोना, अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
श्वसन शिष्टाचार का सख्ती से पालन , खांसते या छिंकते समय टिशू पेपर/रूमाल, कोहनी का उपयोग किया जाये। टीशू पेपर को ठीक से निपटान किया जाए।
स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और किसी भी बीमारी का तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना होगा। सार्वजनिक स्थानों पर
थूकना प्रतिबंधित रहेगा।
सभी लोगो को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्प इंस्टाल करने की सलाह दी गई है।
समस्त धार्मिक पूजा स्थल संचालक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगेः-
प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्केनर व्यवस्था करना होगा।
केवल बिना लक्षण वाले व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। फेस मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे। परिसर में कोविड-19 से सुरक्षा बारे में पोस्टर स्टैंड से प्रदर्शित किया जायेगा।
कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो/विडियो क्लिप को नियमित रूप से चलाने की सलाह दी गयी है।
आगंतुकों का पाली-पाली से परिसर में प्रवेश दिया जायेगा। परिसर में भीड़ न हो इसका ध्यान रखना होगा।
स्वयं के वाहन से आने वाले श्रद्धालुओं के जूते चप्पल उनके वाहन में ही रखकर धार्मिक पूजा स्थल पर प्रवेश करने हेतु निर्देश देने कहा गया है। अन्य श्रद्धालुओं हेतु अलग अलग जूते चप्पल रखने की व्यवस्था करनी होगी।
परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल डिस्टेंस इन फिजिकल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना होगा।
परिसर के बाहर और भीतर स्थित कोई भी दुकान/कैफेटेरिया स्टाल आदि मे सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करेंगे।
कतार व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने हेतु परिसर में चूना या किसी उचित रंग से गोल घेरा/सर्कल निशान बनाना होगा।
आगंतुकों के प्रवेश और निकासी के लिए अलग द्वार की व्यवस्था करने कहा गया है।
प्रवेश हेतु कतार में खड़े होने वाले व्यक्तियों के मध्य न्यूनतम 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना होगा।
बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग फिजिकल डिस्टेंसिंग दूरी बनी रहे।
एयर कंडीशन/वेंटीलेशन के लिए सीपीडब्ल्यूडी के दिशा निर्देश का पालन करने कहा गया है। जिसके अंतर्गत सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों का तापमान सेटिंग 24 से 30 डिग्री सेल्सियस तथा रिलेटिव ह्यूमिडिटी 40 से 70 प्रतिशत की सीमा में होनी चाहिए। ताजी हवा एवं वेन्टीलेशन हेतु पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा गया है।
मूर्ति, पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। बड़ी सभा/मंडली के आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा।
संक्रमण की रोकथाम से संबंधित संगीत गाने बजा जा सकते हैं।
गाना बजाने वाले या गायन समूह को कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी।
परिसर के भीतर लोगों से मिलते जुलते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना होगा।
धार्मिक /पूजा स्थल के के भीतर सार्वजनिक चटाई/दरी का उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं का दरी चटाई ला सकते हैं। धार्मिक पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल का छिड़काव करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक/पूजा स्थल परिसर में लगे घंटी को बजाने की अनुमति नहीं होगी।
धार्मिक/पूजा स्थल द्वारा यदि भोजन बनाने हेतु सामुदायिक रसोई/लंगर अनुदान आदि की व्यवस्था की जा रही है तो ऐसे स्थानों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करना होगा।
धार्मिक पूजा स्थल को संक्रमण मुक्त रखने हेतु नियमित रूप से सफाई व्यवस्था सेनेटराइज किया जाना आवश्यक होगा।