सक्ती - AGP ऋषिकेश चौबे ने हत्यारे दामाद समारु राम को दिलाई आजीवन कारावास की सजा
सक्ती , 17-06-2023 5:22:05 PM
सक्ती 17 जून 2023 - जिला एवं सत्र न्यायालय सक्ती के AGP ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिनांक 13 जून 2021 को रात्रि लगभग 08 बजे उमेंद बाई अपने घर में खाना बना कर खाना खाने की तैयारी कर रही थी, उसी समय उसका पति आरोपी समारु राम सिदार उर्फ गब्बर निवासी ग्राम गढ़पारा दतोद उसे गंदी गंदी गाली गलौज कर रहा था तो वह अपने पति को समझाने के लिए अपनी मां पितरबाई को बुला कर लाई तब घर के सामने उसका पति कुल्हाड़ी लेकर घूम रहा था।
जब उसकी मां अपने दामाद समारू से बोली कि क्यों गाली दे रहा है तो आरोपी उसे अश्लील गाली गलौज करते हुए आज तेरे को जान से मार दूंगा बोलकर धमकी देते हुए अपने हाथ में रखे कुल्हाड़ी से पितर बाई की हत्या करने के लिए उसके सिर में जानलेवा हमला कर दिया किसी तरह अपनी मां का बीच बचाव कर उक्त घटना की सूचना जैजैपुर थाने में दी पुलिस के द्वारा अपराध क्रमांक 76/2021 धारा 294 , 506 , 323 , 307 भारतीय दंड विधान के तहत FIR लिखा गया और आरोपी को गिरफ्तार कर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया।
पुलिस ने आरोपी से एक लोहे का टांगिया जप्त किया गया तथा आरोपी के पहने हुए शर्ट जिसमें खून के दाग लगे हुए थे को जप्त किया गया। पितरबाई को उनके परिवार वालों के द्वारा इलाज के लिए जैजैपुर अस्पताल ले जाया गया रिफर किए जाने पर बिलासपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई।
तब आरोपी के विरुद्ध धारा 294 , 506 बी 302 के अंतर्गत न्यायालय में चालान पेश किया गया आरोपी की ओर से न्यायालय में बताया कि घटनास्थल पर मृतका पितारबाई स्वयं अपनी पुत्री को सब्जी देने के लिए गई थी, घटनास्थल पर पानी गिरा था, कीचड़ होने के कारण फिसल कर गिर गई वहां रखे सामान से उसका सिर टकरा जाने से उसकी मृत्यु हुई है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसका मृतका से कोई विवाद नहीं था, दोनों का संबंध अच्छा था, वह निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है।
शासन की ओर से कुल 17 गवाहों को पेश किया गया, शासन की ओर से बताया गया कि अभियोजन ने आरोपी के द्वारा अपराध किए जाने के संबंध में पर्याप्त गवाह है। आरोपी ने ही अपनी सास पितरबाई की टांगी से हत्या किया है, इसलिए उसे कठोर से कठोर दंड से दंडित करने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी डॉ. ममता भोजवानी ने यह पाया कि पति और पत्नी के बीच हुए लड़ाई झगड़ा में मृतका हमेशा अपनी पुत्री का पक्ष लेती थी जिसके कारण गुस्से में आरोपी द्वारा कुल्हाड़ी से मृतक के सिर में वार कर उसकी हत्या किया है।
इसलिए न्यायाधीश डॉ ममता भोजवानी ने अपने आदेश दिनांक 16 जून 2023 शुक्रवार को आरोपी को धारा 302 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा एवं 25 हजार रुपये के जुर्माना से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता/ अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।



















