नई दिल्ली 02 जुलाई 2021 - कोरोना का कहर थमा ही था कि एक बार फिर नए वेरिएंट ने सब की चिंता बढ़ा दी है। देश में कुछ जगहों में डेल्टा वेरिएंट के नए मामले सामने आए हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार एक बार फिर सख्त हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 29 जून को लिखे पत्र लिखा है कि देश में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। ऐसे में जरूरी है कि जिला और उप जिला स्तर पर कड़ी निगरानी रखी जाए। पत्र में कहा गया, ‘पूरे राज्य में नियंत्रण व सतर्कता के साथ पाबंदियों में ढील जैसी अनुमति दी जानी चाहिए।’
इन 14 प्रदेशों को भेजा गया है यह पत्र
यह पत्र राजस्थान, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, ओडिशा, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और असम को भेजा गया है। पत्र में कहा गया है, ‘इन जिलों में संक्रमण की दर कम करने के लिए सख्त कदम उठाएं और उसके अनुरूप हस्तक्षेप करें।’
सख्ती के साथ लागू की जाएं एसओपी
भूषण ने पत्र में कहा, ‘जिला कार्य योजना के तत्वों, जैसे मामलों की निगरानी, वार्ड और ब्लॉक वार संकेतों की समीक्षा, प्रभावी निगरानी, 24 घंटे आपात केंद्र संचालन, और निषिद्ध क्षेत्रों में सख्त मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) की रणनीति को विस्तृत तरीके से और सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।’
यहां 10% से ज्यादा रही संक्रमण दर
गौरतलब है कि 21 से 27 जून के बीच कुछ राज्यों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक रही थी। इनमें राजस्थान के भरतपुर, राजसमंद, बारां, चितौड़गढ़, सीकर, धौलपुर, मणिपुर के पश्चिमी इंफाल और तेंगनाउपाल, सिक्किम के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी जिला, त्रिपुरा के उनाकोटी व धलाई शामिल हैं।
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी, पुडुचेरी के माहे, ओडिशा के भद्रक और बालेश्वर, केरल के कोल्लम, त्रिशूर, पलक्कड, मलाप्पुरम और तिरुवनंतपुरम और असम के मोरीगांव और नलबाड़ी जिलों में भी 21 से 27 जून के बीच कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 फीसदी से अधिक दर्ज की गई थी।