छत्तीसगढ़ - निजी हॉस्पिटल की लापरवाही से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र समुदाय पहाड़ी कोरवा महिला की मौत , प्रसासन में मचा हड़कंप
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कोरबा
कोरबा 12 फरवरी 2022 - कोरबा का जिला अस्पताल जो कि अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तब्दील हो चुका है. यहां रेफरल रैकेट की बलि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र समुदाय के पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला चढ़ी और आखिरकार उसकी जान चली गई. महिला के परिजन निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगा रहे हैं. हाथ में फ्रैक्चर के इलाज के लिए मृत महिला 09 फरवरी को जिला अस्पताल पहुंची थी।
महिला परिजनों का कहना है कि मृत महिला को यहां से कुछ दलाल उन्हें बकायदा गाड़ी में बिठा कर निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल ले आए. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेशन की बात कही लेकिन ऑपरेशन हुआ नहीं. ऑपरेशन की तिथि को लगातार आगे बढ़ाया गया. इस दरम्यां महिला को 3 दिनों तक भूखे-प्यासे रखा गया. आखिरकार शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगभग 01 बजे महिला ने दम तोड़ दिया।
ग्राम पंचायत सतरेंगा के आश्रित मोहल्ला कोराईपारा निवासी सुनीबाई कोरवा (50) 09 फरवरी की दोपहर को इलाज के लिये अपने बेटे के साथ जिला अस्पताल पहुंची थी परिजनों ने बताया कि महिला के हाथ में फ्रैक्चर था क्योंकि जिला अस्पताल में सस्ता इलाज मिलता है. वे डॉक्टर से मिले लेकिन वह जिला अस्पताल में एडमिट होते इसके पहले ही एक शुभम नाम का युवक उनके संपर्क में आया, जिसने कहा कि गीता देवी मेमोरियल में अच्छा इलाज मिलेगा. 2 दिन में छुट्टी भी मिल जाएगी. इतने में गीता देवी मेमोरियल के ही दो-तीन लोग वाहन लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए. महिला मरीज को बकायदा जिला अस्पताल से गीता देवी मेमोरियल में दोपहर के लगभग 2:00 बजे शिफ्ट कर दिया गया।
अस्पताल पहुंचने के बाद गीता देवी मेमोरियल के चिकित्सक।ने परिजनों को बताया कि सभी टेस्ट हो गए हैं. खून की आवश्यकता है. इसके बाद ऑपरेशन किया जाएगा. सामाजिक कार्यकर्ता ने सरफराज पहाड़ी कोरवा आदिवासियों के मदद कर रहे थे. जिनके माध्यम से दो यूनिट खून का इंतजाम रात को ही कर दिया गया. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑपरेशन नहीं किया. 09 फरवरी को एडमिट होने के बाद 10 और 11 फरवरी को भी ऑपरेशन नहीं हो सका. ऑपरेशन के पहले महिला को भूखे रहने को कहा गया था. लगभग 3 दिन तक पहाड़ी कोरवा महिला अस्पताल में भूखे-प्यासे पड़ी रही. परिजनों को भी ठीक तरह से मिलने नहीं दिया गया. ऑपरेशन न होने के बाद महिला 11 फरवरी की रात को ही क्रिटिकल कंडीशन में आ गई. अस्पताल प्रबंधन ने तब परिजनों को महिला को कहीं और ले जाने को कहा. जिस दौरान देर रात महिला की मौत हो गई।