छत्तीसगढ़ - किसानों की मांगों को लेकर जागी सरकार , जमीन का सर्वे हुआ शुरू
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रायपुर
रायपुर 11 फरवरी 2022 - नवा रायपुर में मुआवजा और जमीन की मांग को लेकर 37 दिनों से जारी किसानों के आंदोलन के बाद सरकार अब जागी है। सरकार ने किसान संगठन की मांगों पर विचार करने से पहले जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। नवा रायपुर की जमीन का सर्वे शुरू किया गया है। इसके लिए आरंग और अभनपुर के एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
सर्वे के लिए पटवारी और आर आइ का सात सदस्यीय दल तय किया गया है। दरअसल, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय के सामने किसान तीन जनवरी से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की प्रमुख मांग संपूर्ण बसाहट का पट्टा और सभी वयस्क को 1200 वर्गफीट विकसित जमीन देने की है। किसान नेता रूपन चंद्राकर ने बताया कि भाजपा सरकार में 1200 वर्गफीट विकसित जमीन देने का कानून पास हुआ है।
नवा रायपुर के राखी गांव में सरकार ने 2000 वर्गफीट और सेक्टर-28 के गांव को 1500 वर्गफीट विकसित जमीन का आवंटन किया था। नवा रायपुर विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आयोजित 12वीं बैठक में 1200 वर्गफुट जमीन देने का निर्णय हुआ है। दरसअल, किसानों के आंदोलन के बाद तीन मंत्रियों रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और डा. शिव डहरिया की कमेटी ने किसान नेताओं से चर्चा की थी। किसानों की 13 सूत्री मांग को पांच प्रमुख मांग में बदला गया।
रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने बताया कि गुरुवार से नवा रायपुर के रिहायशी बसाहटों का सर्वे शुरू हो चुका है। सभी संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों का सर्वेक्षण में सहयोग भी लिया जा रहा है। संयुक्त कलेक्टर यू एस अग्रवाल ने बताया कि सर्वेक्षण के बाद बसाहट का पट्टा और उन्हें विकसित भूखंड आवंटित करने के लिए शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। गुरुवार को लेयर एक के सात ग्रामों में सर्वे का कार्य शुरू किया गया है।