सक्ती में कोरोना आपदा को अवसर बना लिए है कुछ लोग , बिना अनुमति के चला रहे है पेड कोरेन्टीन सेन्टर , प्रसासन को नही है जानकारी
cgwebnews.in
जांजगीर चाम्पा
सक्ती 05 अप्रैल 2021 - कोरोना का संक्रमण और आपदा में अवसर ये दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है किसी ने ऐसा फायदा उठाया तो किसी ने वैसा फायदा उठाया लेकिन मौका किसी ने नही छोड़ा जिसे जैसा मौका मिला वो फायदा उठाते गया।
कोरोना की पहली लहर ने जो कहर दिखाया उसे कई पीढ़ियों तक नही भुला जा सकता लॉक डाउन ने लंबे समय तक जो दिखाया वो किसी बुरे सपने से कम नही है लेकिन इस दौरान कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने मदद के लिए अपनी तिजोरियों का मुँह खोल दिया वही कुछ लोग ऐसे भी थे जिसने आपदा को अवसर मान कर अपनी तिजोरी भरने में कोई कसर बाकी नही छोड़ी उसमें से एक नए नेसनल हायवे पर बना रिसोर्ट का मालिक भी शामिल है जिसने बिना शासकीय अनुमति के ना सिर्फ अपने रिसोर्ट में पहली लहर के दौरान कोरोना संक्रमितों को रखा बल्कि दूसरे लहर में भी कोरोना संक्रमितों को रखे हुए है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए नेसनल हायवे में डोंगिया से सकरेली के बीच बने इस रिसोर्ट ( वाटिका ) में सिंधी परिवार के दो कोरोना संक्रमित के अलावा कई अन्य संक्रमितो को रखा गया है जो आज की तारीख तक वाटिका में रह रहे है इनमें से कुछ लोगो का होम आईसोलेसन कुछ दिनों में खत्म होने वाला है तो कुछ नए संक्रमित हाल ही में वाटिका ( रिसोर्ट ) में कमरा बुक कर 14 दिनों का होम आईसोलेसन में है।
जानकारी के लिए बता दे की कोरोना की पहली लहर में सक्ती के गिरिराज रैन बसेरा को पेड कोरेन्टीन सेन्टर की अनुमति प्रसासन ने दी थी लेकिन वर्तमान में सक्ती शहर में किसी भी हॉटल , लॉज , धर्मशाला और रिसोर्ट को पेड कोरेन्टीन की अनुमति नही दी गई है इसके बावजूद भी इस वाटिका ( रिसोर्ट ) में मुँहमाँगी रकम लेकर ना सिर्फ कोरोना के मरीजो को रखा जा रहा है बल्कि उनकी जानकारी भी छिपाई जा रही है जो सक्ती के निवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इस वाटिका ( रिसोर्ट ) में संक्रमितों को इतनी सावधानी से रखा जाता है कि उनके परिजनों के अलावा किसी को भनक तक नही लगती है सूत्रों की माने तो इस दौरान ना तो रिकार्ड मेंटेन किया जाता है और ना सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध रहता है यहाँ तक कि इस गोरखधंधे की खबर प्रसासन तक को नही रहती है।
सक्ती में पिछले कुछ सप्ताह से लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे है जिनमे से कुछ घर मे आइसोलेट हो जा रहे है तो कुछ होस्पिटलाइज्ड हो रहे है और जो पैसे वाले है वो इस वाटिका में शरण ले रहे है।
ऐसे में अब जरूरत है की प्रसासन सिर्फ कोविड नियमो को पालन कराने तक सीमित ना रहे बल्कि इस तरफ भी ध्यान दे जिससे सक्ती में कोरोना पर लगाम लग सके और इस तरह के लोग अपनी असली जगह पर चले जाय।