सक्ती - धन्य है निजी हॉस्पिटल के गयनोलॉजिस्ट जिन्हें 09 महीने की गर्भवती की पहचान के लिए पड़ती है यूरिन टेस्ट की जरूरत
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सक्ती 02 मई 2024 - सक्ती के जिला बनते ही बाराद्वार रोड में एक-एक कर कई हॉस्पिटल कुकुरमुत्ते की तरह खुल गए है। ये सभी हॉस्पिटल अपने यँहा बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध होने का दावा करते हुए अपने अस्पतालों की गिनती मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में करने से भी नही चूकते है। लेकिन सच्चाई यह है कि इन तथा कथित मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के गायनोलॉजिस्ट को 09 महीने के गर्भवती महिला की पहचान के लिए यूरिन टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है और ये हम नही कह रहे है बल्कि इसकी जानकारी लिखित रूप में खुद गोमती देवी हॉस्पिटल के गायनोलॉजिस्ट डॉ संजय अग्रवाल ने दी है।
दरअसल 26 अप्रैल को एक अविवाहित युवती ने गोमती देवी हॉस्पिटल में अवैध संतान को जन्म दिया था हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन यह दावा कर रहा है कि युवती ने हॉस्पिटल के शौचालय में नवजात को जन्म दिया था। बहरहाल युवती ने नवजात को वार्ड में जन्म दिया या फिर शौचालय में इस बात की बहस में ना पड़ कर मुद्दे की बात पर आते है।
अविवाहित युवती के अवैध संतान के मामले में जो जानकारी गोमती देवी हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस को दी है उसमें ये कहा है कि 26 अप्रैल की सुबह 06 बजे एक युवती पेट दर्द की शिकायत लेकर ईलाज कराने उनके हॉस्पिटल आई थी जब उसका यूरिन टेस्ट किया गया तो युवती प्रेग्नेंट निकली और युवती ने उसी दोपहर 12.30 बजे (06 घंटे बाद) हॉस्पिटल के शौचालय में नवजात को जन्म दिया।
09 महीने की गर्भवती का पेट इतना बड़ा रहता है कि अनपढ़ ब्यक्ति भी देखकर बता सकता है कि वो प्रेग्नेंट है लेकिन गोमती देवी हॉस्पिटल के गायनोलॉजिस्ट को युवती के प्रेग्नेंट होने की जानकारी यूरिन टेस्ट के बाद होती है। ऐसे में यह संदेह होना लाजिमी है कि इस मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन जरूर कुछ छिपा रहा है।
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