सक्ती जिला बनने के बाद अधिकारियों के साथ हम सभी का फर्ज बनता है इस प्रथा को शुरू होने से पहले रोकने का
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सक्ती 21 सितंबर 2022 - 09 सितंबर से सक्ती जिला अस्तित्व में आ गया है अब यहाँ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बैठने लगे है एक एक कर अब सभी जिला स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति होगी और वे अपनी जिम्मेदारी का बेहतर निर्वहन करेंगे।
अभी सक्ती में बहुत कुछ बदलाव होने वाला है जिसमे हम सब की भागीदारी होगी और होनी भी चाहिए क्योंकि सक्ती को जिला बनवाने के लिए काफी संघर्ष जो किये है।
लेकिन सक्ती जिले के जिला हॉस्पिटल से जो खबर निकल कर आ रही है वो अच्छी नही है इस खबर को लिखने का उद्देश्य किसी पर आरोप लगाना या बदनाम करना नही है लेकिन जो सच्चाई है उसे शासन और प्रसासन तक पहुंचाना बेहद जरूरी है और इस कार्य को cgwebnews.in अकेले नही कर सकता है इसे पूरा करने के लिए आप सभी लोगो को जागरूक होना पड़ेगा।
बात लोगो की स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है सक्ती के सरकारी हॉस्पिटल के स्वास्थ्य ब्यवस्था से सभी अच्छी तरह से वाकिफ है लेकिन अब सक्ती को CHC को जिला हॉस्पिटल के रूप में जाना जाएगा , सूबे के मुखिया ने सक्ती जिले को डेढ़ अरब की सौगात दी है और इस रकम का उपयोग विकास कार्यो में होगा जिसमे स्वास्थ्य ब्यवस्था भी शामिल है।
सक्ती के CHC को जिला हॉस्पिटल का दर्जा मिलने के बाद रेफ़लर सिस्टम शुरू हो गया है CHC में कार्यरत कुछ नर्स , कंपाउंडर और स्टाफ देर रात आये सामान्य बीमारी से ग्रसित मरीजो को सक्ती के ही दो निजी बड़े हॉस्पिटलों में ईलाज करवाने की सलाह दे रहे है। सक्ती में फिलहाल दो निजी बड़े हॉस्पिटल है जिसमे से एक 03 साल से संचालित है तो दूसरा हॉस्पिटल कुछ महीने पहले ही खुला है ,अब इस सलाह के पीछे की वजह क्या है ये सलाह देने वाले वाले भी अच्छे से जानते है और आप भी समझ ही गए होंगे।
सक्ती जिला हॉस्पिटल में यह पद्धत्ति नियम का रूप ले उससे पहले हम सभी को मिल कर इसे रोकना होगा नही तो आगे क्या होगा इसका अंदाजा लगाना कल्पना से बाहर है।
To Be Continued...