रायगढ़ के बहुचर्चित काजल मसंद की हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझी , रेप का विरोध करने पर की गई थी हत्या
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रायगढ़
रायगढ़ 19 जून 2022 - रायगढ़ के बहुचर्चित काजल मसंद हत्याकांड से रायगढ़ पुलिस द्वारा पर्दाफाश कर घटना कारित करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा घटना का विस्तार से खुलासा आज पुलिस कंट्रोल रूम में एडिशनल एसपी लखन पटले एवं सीएसपी रायगढ़ दीपक मिश्रा द्वारा किया गया है । कान्फ्रेंस में बताया गया कि दिनांक 14 जून 2022 के दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि स्वास्तिक विहार कालोनी के एक मकान में युवती की संदेहास्पद मृत्यु हुई है, सूचना पर तत्काल एडिशनल एसपी लखन पटले, सीएसपी दीपक मिश्रा, थाना चक्रधरनगर पुलिस, डॉग स्क्वाड, साइबर सेल की टीम मौके पर पहुंचे । मौके का मौका मुआयना कर पुलिस अधिकारियों द्वारा एसपी अभिषेक मीना को घटना से अवगत कराएं
मर्ग पश्चात अज्ञात आरोपी पर थाना चक्रधरनगर में हत्या का अपराध दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी गई । पुलिस टीम द्वारा सर्वप्रथम पुलिस "डॉग रूबी" को घटनास्थल का स्मेल लेकर छोड़ा गया जो मृतिका के मकान से गंध लेकर उसके घर पीछे थोड़ी दूर स्थित रिक्त पड़े अटल आवास होते हुए फुलवारीपारा आगे शमशान की ओर गया जिस पर पुलिस की एक टीम फुलवारी पारा की ओर निवासरत संदेहियों से पूछताछ के लिये लगाया गया।
इसी बीच पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा मृतिका एवं उसके परिजनों के मोबाइल को चेक किया गया तो सभी मोबाइल पर एक ही Gmail से चल रहे थे उस Gmail का बैकअप लिया गया जिसमें पुलिस के हाथ घटना के बाद मृतिका की ली गई तस्वीर पुलिस को प्राप्त हुई जो कि घटनास्थल से कुछ भिन्न थी । जांच टीम को मृतिका के मृत्यु का लगभग सही समय ज्ञात हुआ पुन: पुलिस सीसीटीवी चेक किये, आसपास के लोगों से पूछताछ किए फुटेज के दायरे में आये लोगों से पूछताछ किया गया और पुलिस डॉग रूबी की फिर से मदद ली गई।
इसी दरम्यान क्षेत्र का कुख्यात बदमाश राम भरोस CCTV फुटेज में दिखा जिस पर पुलिस डॉग रूबी भी संकेत की थी आरोपी राम भरोस के विरूद्ध चक्रधरनगर पुलिस पूर्व में कई प्रतिबंधक कार्यवाही व 376, हत्या का प्रयास, पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था तथा आरोपी बलात्कार, पोक्सो एक्ट मामले में जेल जा चुका है।
संदेही को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया जिसने पुलिस को घटना समय मौजूद नहीं होना बताया पुलिस द्वारा उसके मौके पर मौजूद होने के सारे सबूत दिखाये और चश्मदीद गवाह जो उसे पैदल आते-जाते देखें है उनका जिक्र किया गया । संदेही रामभरोस चौहान बार-बार सिरे से इंकार करने के बाद आखिरकार अपने किये अपराध की स्वीकृति किया कि उसने घटना अपने मोहल्ले के दो साथी गोपाल उर्फ नानू साहू , मित्रभानु उर्फ मोनू सोनवानी के साथ करना स्वीकार किया।
आरोपी ने बताया की दिनांक 14.06.2022 के सुबह से तीनों शराब पिए थे सुबह उन्होने काजल को उसकी मां को स्कूटी पर छोड़ कर घर आते देखा था जब ये तीनों काजल के घर के पास थे तब काजल को घर के बाहर मोबाइल पर बात करते देखे और काजल के कमरा अंदर घुसने के बाद तीनों काजल को देखने गए खिड़की से झांक कर देखें काजल मोबाइल से बात करते हुए बिस्तर पर कॉपी/कागज में कुछ लिख रही थी।
तीनों दरवाजे का कुंडी लगा ना होने के कारण अंदर दरवाजे से अंदर चले गए और तीनों बिस्तर पर काजल का मुंह , गर्दन दबा दिए काजल उनसे छुड़ाने की कोशिश में शोर कर प्रतिरोध कर रही थी जिससे तीनों डर गए और इसी बीच रामभरोस कमरे से बाहर निकला और बाहर पड़े "चिप पत्थर" से काजल मसंद के सिर पर कई बार प्रहार किया जिससे उसका सिर फट गया काजल की मृत्यु हो गई फिर तीनों आरोपी साक्ष्य छुपाने के नियत से अलमारी में रखे एक टावेल में पत्थर को लपेट दिए और कमरे में काजल मसंद के कपड़े उतारकर काजल के मोबाइल से फोटो लिए और जाते-जाते कमरे में रखा हुआ एक प्लास्टिक पाउच (छोटा थैला) जिसमें करीब ₹1540 रखा था जिसे तीनों आपस में ₹500-₹500 बांट लिए और घटना कारित करने के बाद तीनों अटल आवास पहुंचे जहां प्लास्टिक का पाउच काजल मसंद के घर से मिला एटीएम कार्ड को अटल आवास के बिल्डिंग में ही छोड़ कर तीनों अपने अपने घर चले गए काजल मसंद का मोबाइल मित्रभानु रखा हुआ था जो पकड़े जाने के डर से उसे पंचधारी डैम में फेंक दिया था।