सक्ती से बड़ी खबर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 20 साल के आरोपी को मिला आजीवन कारावास
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सक्ती 01 मई 2022 - अनुसूचित जाति वर्ग की नाबालिक बालिका को शादी का झांसा देकर 4 माह तक निरंतर दुष्कर्म करने वाले 20 वर्षीय अभियुक्त को पॉक्सो कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने कठोर आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो राकेश महंत ने बताया कि यह पूरा मामला बाराद्वार थाना क्षेत्र का है। नाबालिक ने थाने में लिखित रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि दिनांक 27.05.2020 को दोपहर 2.30 बजे जब उसके माता-पिता काम करने गये थे और घर में कोई नहीं था वह अकेली थी तो अभियुक्त सुरेश साहू उसके घर आया और उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिये बोला।
नाबालिक ने मना किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी, जिससे नाबालिक डर गयी फिर आरोपी सुरेश साहू ने घर के कमरे में जबरन ले जाकर नाबालिक साथ उसकी मर्जी के खिलाफ दुष्कर्म किया फिर दो दिन बाद दिनांक 29.05.2020 को रात 11 बजे बोर घर में ले जाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। इस तरह शादी का झाँसा देते हुए आरोपी 4 माह से शारीरिक संबंध बनाता रहा।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर बाराद्वार पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376, 506, 450 भादवि एवं 6 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना दौरान पीड़िता का धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत पुलिस कथन, सीडब्ल्यूसी तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट से कथन कराया गया। विवेचना दौरान नाबालिग को अनुसूचित जाति का सदस्य होना पाये जाने पर प्रकरण में धारा 3(2)(5) एससी/एसटी एक्ट जोड़ा गया। आरोपी के खिलाफ अपराध सबूत पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर पॉस्को कोर्ट सक्ती मे पेश किया गया।
आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित हो जाने पर पॉक्सो कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने अभियुक्त को लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के तहत 5 वर्ष का कठोर कारावास और 1 हजार रूपये अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 506(बी) के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रूपये का अर्थदंड, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(5) के तहत आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। आरोपी को दी गई सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। साथ ही अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अलग से 6 माह के कारावास की सजा सुनाई है।
बता दे की छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने पैरवी की।